जैसा कयास था, सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं, भारत से उनके गहरे रिश्ते

नेपाल सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की

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नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शुक्रवार को सुशीला कार्की को शपथ दिलाई
नेपाल में दंगों से मची तबाही के खौफनाक मंजर—फाइल फोटो

नेपाल सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस रह चुकीं कार्की भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैए के लिए मशहूर रहीं, चुनौती बरकरार

चंडीगढ़,,  13 सितंबर। तमाम कयास सही साबित हुए, नेपाल में सुशीला कार्की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बन गईं। नेपाल सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस रह चुकीं कार्की भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैए के लिए मशहूर रही हैं। वह भारत के लिए नई नहीं हैं, उनका घर भारतीय सीमा से सिर्फ़ 25 मील दूर है।
लाखों नेपालियों की तरह, इस हिमालयी राष्ट्र की नवनियुक्त प्रधानमंत्री के भी हमारे देश के साथ घनिष्ठ सांस्कृतिक और व्यक्तिगत संबंध हैं। 73 वर्षीय कार्की ने भारत के उत्तर प्रदेश स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में बिताए अपने छात्र जीवन को याद किया। खासकर गर्मियों की रातें, जब वे गंगा नदी के किनारे छत पर सोती थीं। उनका ऐतिहासिक उदय का केवल व्यक्तिगत सफ़र, पूर्व मुख्य न्यायाधीश से नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री तक है। उनकी नियुक्ति का संदर्भ भी उल्लेखनीय है। उन्हें जेन-जेड नामक युवा प्रदर्शनकारियों की एक लहर ने चुना था, जिन्होंने पारंपरिक नेतृत्व के अभाव में मज़बूत राजनीतिक व्यवस्था को उखाड़ फेंका।
हालांकि बड़ा सवाल यह है कि क्या कार्की बतौर पीएम अपना काम कर पाएंगी। जैसा कि एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् ने कहा था, अगर आप किसी ऑटो चालक से कहें कि वह ऑटो को हवाई जहाज़ की तरह उड़ाए तो यह संभव ही नहीं है। इसी बीच, हाल ही में एक साक्षात्कार में जब कार्की से भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समग्र भारत से उनकी अपेक्षाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने गर्मजोशी से जवाब दिया। कहा-सबसे पहले, मैं मोदी जी को नमस्कार करुंगी, उनके बारे में मेरी अच्छी धारणा है।
साथ ही नेपाल-भारत संबंधों पर कहा, गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। हालांकि यह भी स्वीकार किया कि मतभेद उत्पन्न होते हैं। वैसे भारत ने हर समय नेपाल की मदद की है। हिंदी में एक कहावत है, रसोई में जब बर्तन एक साथ रखे होते हैं तो वे आवाज़ ज़रूर करते हैं। कार्की ने चतुराई और समझदारी से विशिष्ट नीतिगत मामलों में ना उलझने का फैसला किया। साथ ही कहा कि विदेशी संबंध सावधानीपूर्वक और सहयोगात्मक चर्चा का विषय हैं। हम कुछ समय से भारत के संपर्क में नहीं हैं, इस बारे में बात करेंगे।
बीएचयू में जहां उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री पूरी की, कार्की ने कहा कि उन्हें आज भी अपने प्रोफेसर, दोस्त और गंगा नदी की शांत उपस्थिति याद है। पूर्वी नेपाल के विराटनगर से, जो भारतीय सीमा के पास है, कार्की ने बताया कि उनका घर सिर्फ़ 25 मील दूर है। हम नियमित रूप से सीमा पर स्थित बाजार में खरीदारी करने जाते थे।

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