मुद्दे की बात : अमेरिका का नया पैंतरा, भारत से रिश्ते अहम, लेकिन रूसी तेल ना ख़रीदे

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भारत में अमेरिकी राजदूत के पद पर नामित सर्जियो गोर का ट्रंप-स्टाइल में बड़ा बयान

भारत में अमेरिकी राजदूत के पद पर नामित सर्जियो गोर ने दांव-पेंच वाला बयान दिया है। उनके मुताबिक भारत, अमेरिका का अहम साझेदार है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक-वार्ता के परिणाम जल्द सामने आएंगे। अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति में नियुक्ति की पुष्टि को लेकर सुनवाई के दौरान गोर ने ये बयान दिया कि अगर उनकी नियुक्ति हो जाती है तो वह भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध आगे बढ़ाने पर काम करेंगे। सीनेट में गोर का परिचय देते अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि गोर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के क़रीबी हैं। यह भारत जैसे देश में प्रतिनिधित्व के लिए बेहद अहम है।
गोर ने इस दौरान दो और अहम बातें कहीं, पहली-भारत को रूस से तेल ख़रीदने से रोकना अमेरिका की प्राथमिकता है।
साथ ही कहा कि आने वाले वक़्त में ऊर्जा क्षेत्र में अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी बन सकता है। अगर गोर की नियुक्ति की पुष्टि हो जाती है तो वो भारत में सबसे युवा अमेरिकी राजदूत होंगे। ट्रंप ने गोर को भारत में अमेरिकी राजदूत और दक्षिण व मध्य एशिया के लिए विशेष दूत नामित किया है। गोर को ऐसे समय में भारत का राजदूत बनाया जा रहा है, जब भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव बढ़ा है। ट्रंप के मुताबिक भारत ,रूस से बड़ी मात्रा में तेल ख़रीदकर यूक्रेन के ख़िलाफ़ जंग में उसकी मदद कर रहा है। उन्होंने भारत पर कुल 50 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाया।
दूसरी तरफ भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत भी अटकी है।
इसी बीच, अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने कहा कि दोनों देश ट्रेड डील करना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि भारत को अपने बाज़ार खोलने चाहिए और रूस से तेल ख़रीदना बंद करना चाहिए। भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी हाल में कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर जारी बातचीत आगे बढ़ रही है। उधर बीते कुछ दिनों से ट्रंप पीएम मोदी को अच्छा दोस्त बताते रहे हैं। हालांकि साथ ही ट्रंप यूरोपीय संघ से कह रहे हैं कि उन्हें भारत पर अधिक टैरिफ़ लगाना चाहिए। सीनेट के सामने गोर ने भारत और अमेरिका को रणनीतिक साझेदार बताते कहा कि दोनों के बीच चल रही व्यापार वार्ता जल्द पूरी हो जाएगी। असल में वो समझौते की बारीकियों पर चर्चा कर रहे हैं। गोर ने इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गहरी दोस्ती की बात भी कही। उन्होंने कहा, जब ट्रंप भारत की आलोचना करते हैं तो वो आगे बढ़कर पीएम मोदी की तारीफ़ भी करते हैं।
उन्होंने कहा, अमेरिका और भारत की साझेदारी 21वीं सदी को परिभाषित करेगी। इस उम्मीद को तभी हक़ीक़त बनाया जा सकता है, जब हम मिलकर काम करें।
गोर ने भारत के साथ रक्षा सहयोग, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस से लेकर दवाओं और रेयर अर्थ मिनरल जैसे विषयों पर अधिक सहयोग की बात की। उन्होंने अपनी भूमिका पर ज़ोर देते हुए कहा कि वो राष्ट्रपति ट्रंप के महत्वाकांक्षी लक्ष्य ‘मिशन 500’ की दिशा में भी काम करेंगे। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ने कहा था कि उनका मक़सद 2030 तक भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। गोर का इशारा इसी लक्ष्य की ओर था। उन्होंने कहा कि चीन की तुलना में बहुत से मामलों में भारत और अमेरिका में अधिक समानताएं हैं। बहुत लंबे समय से हमारे बीच व्यक्तिगत जुड़ाव नहीं था। मैं इस दिशा में रिश्तों को आगे बढ़ाऊंगा ही, लेकिन राष्ट्रपति भी व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल हैं। उन्होंने भारत और अमेरिका के रिश्तों में हाल में आई खटास की बात स्वीकार कहा कि भले ही अभी हमारे बीच कुछ अड़चनें हैं, लेकिन हम उन्हें हल करने की दिशा में हैं। भारत सरकार और भारत के लोगों के साथ हमारा रिश्ता दशकों पुराना है, यह चीन के साथ उनके रिश्ते से कहीं अधिक गर्मजोशी भरा है।
उन्होंने कहा कि भारत ‘चीन के विस्तारवाद’ से चिंतित है।
गोर ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि भारत चीन की तरफ़ हाथ ना बढ़ाए और अमेरिकी पाले में आ जाए। गोर से एक सवाल ब्रिक्स को लेकर किया गया। ब्रिक्स में भारत रूस, चीन, ब्राज़ील और दक्षिण अफ़्रीका के साथ हैं। इसमें रूस और चीन के साथ भारत की मौजूदगी अमेरिका की परेशानी सबब रहा है। भारत के अलावा जिस एक और देश पर ट्रंप ने 50 फ़ीसदी का टैरिफ़ लगाया है, वो ब्राज़ील है। गोर ने कहा, ब्रिक्स में होने के बाद भी भारत कई मुद्दों पर अमेरिका के साथ रहा है। ब्राज़ील, चीन जैसे कई देशों ने अमेरिकी डॉलर में व्यापार ना करने की कोशिश की है, लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया।

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