चंडीगढ़/अमृतसर, 11 सितंबर:
पंजाब के खाने की अनूठी पहचान और विरासत को सुरक्षित रखने तथा उसे बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए पंजाब के फूड प्रोसेसिंग विभाग द्वारा अमृतसर के प्रसिद्ध व्यंजन अमृतसरी कुल्चे के लिए भू-आकृतिक संकेत ज्योग्राफिकल इंडीकेशन – (जी.आई.) टैग प्राप्त करने की संभावनाओं की तलाश की जा रही है। उल्लेखनीय है कि जी.आई. टैग एक लेबल होता है, जो विशेष भौगोलिक क्षेत्र जैसे किसी विशिष्ट इलाके, कस्बे या देश के संदर्भ में विशिष्ट गुणवत्ता, श्रेणी या विशेषता वाले उत्पादों को दिया जाता है।
यह उद्घोषणा पंजाब के फूड प्रोसेसिंग विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती राखी गुप्ता भंडारी ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर की पहलों पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित बैठक के दौरान की। इस बैठक में फूड साइंस एवं टेक्नोलॉजी विभाग के फैकल्टी सदस्य, औद्योगिक संगठन तथा मुरब्बा, अचार, बासमती चावल, शहद और गुड़ के प्रोसेसिंग यूनिट्स के प्रतिनिधि शामिल थे।
जी.आई. टैग प्राप्ति के फायदों पर प्रकाश डालते हुए श्रीमती राखी गुप्ता भंडारी ने कहा कि यह न केवल इस पवित्र शहर की विशिष्ट खानपान विरासत को बढ़ावा देगा, बल्कि ब्रांडिंग, निर्यात, बाजार विस्तार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
उन्होंने फूड एग्रो-प्रोसेसिंग क्षेत्र के महत्व पर जोर देते हुए इसे “सनशाइन इंडस्ट्री” बताया क्योंकि इस क्षेत्र में विकास और रोजगार सृजन की अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने इस क्षेत्र के सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिए फूड बिजनेस ऑपरेटर (एफ.बी.ओज) के लिए मजबूत लिंक स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रमुख सचिव ने मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार की राज्य के एग्रो-फूड प्रोसेसिंग ईकोसिस्टम को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी द्वारा अकादमिक-औद्योगिक साझेदारी को पूर्ण रूप से सशक्त करने के प्रयासों की भी प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि कैबिनेट मंत्री स गुरमीत सिंह खूड्डियां की सक्षम अगुवाई में फूड प्रोसेसिंग विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों को खेत से फैक्ट्री और फैक्ट्री से थाली तक पहुंचाने वाली सम्पूर्ण वैल्यू चेन को मजबूत करने के लिए नीतियाँ बनाई जा रही हैं, ताकि निर्बाध और कुशल प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में पंजाब के फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र के विकास हेतु प्रमुख औद्योगिक मांगें और संभावित समाधान भी चर्चा का हिस्सा बने। बैठक के दौरान नवाचार और बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करने हेतु फूड पार्क और टेक्नोलॉजी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म स्थापित करने पर भी विचार किया गया। इसके अलावा गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ और आधुनिक खाद्य परीक्षण लैब की उपलब्धता को सुनिश्चित करने पर भी चर्चा हुई। बैठक में फल, सब्जियां, पापड़, वड़ियां, शहद, मसाले और गुड़ जैसे विभिन्न उत्पादों के लिए प्रोसेसिंग सुविधाएँ विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। इस दौरान ए.पी.ई.डी.ए. सहायता से कोल्ड स्टोरेज सुविधाएँ तथा शीघ्र नष्ट होने वाले खाद्य पदार्थों के लिए अमृतसर हवाई अड्डे पर कार्गो हैंडलिंग से जुड़े प्रस्तावों की भी पड़ताल की गई। इसके अलावा पंजाब एग्रो के माध्यम से शहद के निर्यात को प्रोत्साहित कर इस क्षेत्र के संभावित विकास के अवसर उजागर किए गए।
बैठक में अन्य प्रमुख उपस्थित लोग श्री अशोक सेठी, श्री राकेश ठुकराल, श्री सुरिंदर लखेसर, डॉ. डी.एस. सोगी (प्रोफेसर, फूड साइंस एवं टेक्नोलॉजी विभाग, जी.एन.डी.यू.), और उद्योग जगत से प्रतिनिधि शामिल थे।
