विदेश जाकर कमाई करने के लालच में जान दांव पर लगा रहे पंजाबी

रुस में जबरन फौज में भर्ती किए पंजाब समेत कई सूबों के नौजवान

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रोजगार की तलाश जाकर रूसी सेना में जबरन भर्ती किए युवकों के परिवारों की गुहार, उन्हें वापस लाए सरकार

चंडीगढ़,,  11 सितंबर। भारतीय, खासकर पंजाबी नौजवान कमाई के लालच में विदेश जाकर जान दांव पर लगाने से भी गुरेज नहीं करते। एक बार रुस में पढ़ाई और नौकी की तलाश में गए युवकों को जबरन वहां की सेना में शामिल करने का मामला गर्माया हुआ है। ऐसे युवकों को यूक्रेन से जंग लड़ने के लिए रूसी सेना में भर्ती होने की खबरें सामने आने से पंजाब में हलचल कायम है।
जानकारी के मुताबिक भारत सरकार द्वारा रूस से अनुरोध के बावजूद करीब 15 पंजाबी युवक इस संघर्ष में शामिल हैं।
जगदीप सिंह के मुताबिक उनके भाई मनदीप लापता लोगों में शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल जुलाई से ये भर्तियां हो रही हैं। फंसे हुए युवक रूस स्थित भारतीय दूतावास को लगातार फ़ोन कर रहे हैं, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। अन्य प्रभावित युवकों के रिश्तेदारों के साथ, उन्होंने भारत सरकार की ओर से प्रभावी कार्रवाई ना होने पर रोष जताया।
जालंधर के कांग्रेसी विधायक परगट सिंह इन परिवारों को चंडीगढ़ लाकर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। उन्होंने रूसी सेना में युवाओं की जबरन भर्ती में कथित रूप से शामिल एजेंटों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने में विफल रहने के लिए पंजाब पुलिस की आलोचना की थी। उन्होंने इस मामले को विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया था, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। पीड़ित परिवारों का आरोप है कि युद्ध में मारे गए युवाओं के लिए मुआवज़ा या घायलों की पेंशन एजेंटों द्वारा हड़पी जा रही है।

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