


चंडीगढ़,, 11 सितंबर। नेपाल में सत्ता के तख्ता-पलट को लेकर जारी हिंसा और उथल-पुथल से बीच अब एक बड़ा सवाल खड़ा है। आखिर नेपाल को संकट से बाहर निकालने वाला अगला व्यक्ति कौन हो सकता है ?
सियासी-जानकारी की मानें तो तीन नामों पर चर्चा चल रही है। इनमें पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह और कुलमन घीसिंग। ये उन नामों में शामिल हैं, जिन पर जेन जेड समूह अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए विचार कर रहा है।
बिजली बोर्ड के पूर्व सीईओ कुलमन घीसिंग अब नेपाल के अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए सबसे प्रमुख नाम है। जिन्हें बागी प्रदर्शनकारी जेन जेड समूह द्वारा चुना जाएगा। यह जानकारी तत्कालीन पीएम केपी शर्मा ओली द्वारा अपनी सरकार के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शनों के बीच पद छोड़ने के दो दिन बाद दी गई। घीसिंग को नेपाल में वर्षों से चली आ रही बिजली कटौती को समाप्त करने का श्रेय जाता है। घीसिंग, पेशे से एक इलैक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। उन्होंने 1994 में नेपाल विद्युत प्राधिकरण में अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की और लगातार उन्नति की। 2016 में, घीसिंग को एनईए का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया, इस पद पर रहते हुए वे देश में व्याप्त 18 घंटे की दैनिक बिजली कटौती को समाप्त करने के लिए जाने जाते थे। चार साल के कार्यकाल के बाद, 2020 में उन्हें हटा दिया गया, लेकिन 2021 में वे फिर से इस पद पर लौट आए।
इस बीच, नेपाल की न्यायपालिका में एक निडर व्यक्तित्व के रूप में जानी जाने वाली कार्की सामने आईं। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के रूप में महज एक साल के कार्यकाल में देश के कुछ मंत्रियों और शक्तिशाली नौकरशाहों के खिलाफ निर्णायक फैसले सुनाए। हालांकि, कार्की के जीवन का एक दिलचस्प पहलू उनके पति, दुर्गा प्रसाद सुबेदी का विवादास्पद अतीत है। जो नेपाल के पहले और एकमात्र विमान अपहरण कांड में शामिल थे, जिसमें प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री माला सिन्हा भी सवार थीं। सुबेदी नेपाली कांग्रेस के युवा नेता थे।
सोशल मीडिया पर चर्चा है कि काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह नई पीढ़ी की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह निजी स्वार्थ के बिना देश की भलाई के लिए काम करेंगे। खैर, देखना यह होगा कि अब नेपाल की कमान कौन संभालेगा ?