चंडीगढ़, 10 सितंबर
जमीनी स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों के सम्मान और कल्याण को बनाए रखने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने बुधवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में कार्यरत मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) और आशा फैसिलिटेटर अब छह महीने के मातृत्व अवकाश की हकदार होंगी। यह लाभ मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत दिया जाएगा।
यहाँ जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में इसकी जानकारी देते हुए वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि यह निर्णय सरकार की सभी महिला कर्मचारियों को 180 दिनों का पूर्ण वेतन सहित मातृत्व अवकाश प्रदान करने की मौजूदा नीति के अनुरूप है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अवकाश किसी अन्य अवकाश खाते से नहीं काटा जाएगा। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 और 12 अप्रैल, 2017 के एक परिपत्र में पहले से ही सभी महिला कर्मचारी शामिल हैं, चाहे वे अनुबंध के आधार पर, सलाहकार के रूप में या किसी एजेंसी के माध्यम से काम कर रही हों। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग ने अनुबंध, सलाहकार और आउटसोर्स कर्मचारियों को मातृत्व लाभ प्रदान करने की मंज़ूरी पहले ही दे दी है।
उन्होंने कहा, “इसके मद्देनजर, वित्त विभाग ने मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत आशा कार्यकर्ताओं और आशा सहायिकाओं को छह महीने का मातृत्व अवकाश देने के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अनुरोध को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है।”
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस फैसले से आशा कार्यकर्ताओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है, जिनमें से कई परिवार और देखभाल की भूमिकाओं के साथ-साथ कठिन पेशेवर ज़िम्मेदारियों को भी निभाती हैं। उन्होंने आगे कहा, “मातृत्व अवकाश को संस्थागत बनाकर, पंजाब सरकार ने सार्वजनिक सेवा में अग्रिम पंक्ति में कार्यरत महिलाओं के स्वास्थ्य, सम्मान और सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।”