हाईकोर्ट ने बाढ़ याचिका पर सुनवाई से इंकार करते कहा, अधिकारी अभी राहत में जुटे, हलफनामा नहीं ले सकते
पंजाब, 5 सितंबर। पंजाब में बाढ़ से हालात संगीन बने हैं। लिहाजा बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह गत दिवस यहां आए थे। अब उन्होंने ट्वीट कर पंजाब की आप सरकार का नाम लिए बिना इशारे में कहा कि पंजाब में इललीगल माइनिंग से बाढ़ आई है।
शिवराज ने कहा, जब अटल बिहारी बाजपेयी प्रधानमंत्री थे। तब शिअद सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल पंजाब के सीएम थे। तब फसलों को बाढ़ से बचाने के लिए सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियों के किनारों पर बांध मजबूत और ऊंचे किए गए। मगर, अवैध खनन के कारण वे कमजोर हो गए, जिस कारण गांवों में पानी आ गया। इसकी रिपोर्ट पीएम को सौंपूंगा।
दूसरी तरफ, बाढ़ पर जनहित याचिका की तुरंत सुनवाई से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस समय अधिकारी जमीनी हालात संभालने में जुटे हैं, इसलिए उन्हें हलफनामा दाखिल करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। चीफ जस्टिस शील नागू ने कहा कि अभी हालात को संभालना प्राथमिकता है, बाद में कानूनी प्रक्रिया पूरी होगी।
वहीं, चंडीगढ़ के प्रोफेसर पंडित राव धरनेवर की शिकायत पर पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया। कंपनी एक्ट-2013 के अनुसार कॉर्पोरेट कंपनियों को सीएसआर के तहत अपनी आमदनी का 2 प्रतिशत हिस्सा सामाजिक भलाई के लिए देना अनिवार्य है, अभी तक किसी भी कंपनी ने ये कदम नहीं उठाया।
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