हिमाचल में हालात बेहतर ना होने से पर्यटक भी फंसे हैं कई जगह, अभी लगातार बारिश की चेतावनी
चंडीगढ़, 5 सितंबर। नानसूनी कहर के चलते हिमाचल प्रदेश में अभी तक हालात नहीं सुधरे हैं। मंडी ज़िले में मूसलाधार बारिश के चलते कई भूस्खलन होने से लगातार चौथे दिन भी इलाके के सभी सड़क मार्ग कमोबेश ठप ही रहे।
जानकारी के मुताबिक मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में लगातार बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे क्षेत्र हाई अलर्ट पर है। प्रशासन ने निवासियों और पर्यटकों से अनावश्यक यात्रा से बचने और घर के अंदर रहने का आग्रह किया है। प्रमुख राजमार्गों सहित 287 सड़कें अवरुद्ध हैं, जिससे हज़ारों लोग फंसे हुए हैं और कुल्लू-मनाली के अलावा लाहौल-स्पीति में आवश्यक सेवाओं की पहुंच भी बाधित है। पिछले कुछ दिनों से मंडी मनाली हाईवे पर 2,100 वाहन फंसे हुए हैं, जिनमें ज़्यादातर स्थानीय लोग और पर्यटक भी शामिल हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित मार्गों में कीरतपुर-मनाली फोर-लेन राजमार्ग शामिल है। जो कुल्लू-मनाली, लाहौल-स्पीति और लेह-लद्दाख को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण जीवनरेखा है। मंडी और बनाला के बीच कई भूस्खलनों से राजमार्ग चौथे दिन भी बंद रहा।
औट क्षेत्र में भूस्खलन से पास के एक घर को खतरा पैदा हो गया। नागवैन में उफनती जलधारा के कारण दुकानों में पानी घुस गया। पटोगी नाले में एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिसके कारण पनारसा में आसपास के घरों में कीचड़ घुस गया। फर्श पंचायत क्षेत्र में भी एक बड़े भूस्खलन की खबर है, जिससे एक सौर संयंत्र क्षतिग्रस्त हो गया। मंडी जिले के अन्य हिस्सों से भी ऐसी ही खबरें आ रही हैं, लेकिन किसी के हताहत होने या घायल होने की कोई खबर नहीं है।
मनाली में एक टूरिस्ट ने यात्रियों में बढ़ती निराशा व्यक्त करते हुए कहा, हम चार दिनों से फंसे हुए हैं और यह स्पष्ट नहीं है कि सड़कें कब खुलेंगी। कटौला के रास्ते यातायात को मोड़ने के प्रयास भी विफल रहे हैं, क्योंकि एक नए भूस्खलन ने इस वैकल्पिक मार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया। जिससे मंडी और कुल्लू के बीच सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया। आपातकालीन सेवाएं और आपूर्ति श्रृंखलाएं बाधित हैं, जिससे दूरदराज के इलाकों में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता को लेकर चिंता बढ़ गई है।
लाहौल और स्पीति के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। सड़क संपर्क कट जाने से, जल्दी खराब होने वाली टनों सब्जियां खेतों में सड़ रही हैं। इसका असर जल्द ही हिमाचल प्रदेश और पड़ोसी राज्यों में सब्ज़ियों की आपूर्ति श्रृंखलाओं पर पड़ सकता है। ज़िला प्रशासन ने लाहौल घाटी से लेह तक सड़क मार्ग से सब्ज़ियों के परिवहन की व्यवस्था की है। लेह से दिल्ली के लिए कार्गो उड़ान सेवा की व्यवस्था की गई है। ताकि सब्ज़ियों को दिल्ली के बाज़ार तक पहुंचाया जा सके। जहां ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई है, वहीं निचली घाटियों में लगातार बारिश के कारण तापमान में भारी गिरावट आई है, जिससे स्थानीय लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।
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