चंडीगढ़ में सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

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सुखना चो के पुल पर हालात का जायजा लेते लोग
चंडीगढ़ सेक्टर 26 बापूधाम का पुल पूरी तरह से बंद कर दिया गया
ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को जलभराव वाले इलाकों की तरफ से जाने को रोका

ओवरफ्लो होने पर सुखना के फ्लड गेट खोले, स्कूल किए बंद, जलभराव वाले रास्तों पर ट्रैफिक पुलिस मुस्तैद

चंडीगढ़,  3 सितंबर। ट्राईसिटी में बुधवार सुबह से तेज बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। मौसम महकमे ने रेड अलर्ट जारी किया। सुखना लेक का जलस्तर 1162 फीट यानि खतरे के निशान से ऊपर चल गया तो सुबह सात बजे ही फ्लड गेट खोल दिए गए।
जानकारी के मुताबिक भारी बारिश की चेतावनी के चलते प्रशासन ने बुधवार को सभी स्कूल बंद करा दिए। छात्रों और अभिभावकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया। दूसरी तरफ, ट्रैफिक पुलिस ने जलभराव के कारण कुछ रास्तों पर यातायात के लिए एडवाइजरी जारी की है। प्रभावित क्षेत्रों में दक्षिण मार्ग धनास, आईएसबीटी-43 के पीछे वाली सड़क, दक्षिण मार्ग सैक्टर-23 डी, मक्खन माजरा, सैक्टर 10/11, डिवाइडिंग रोड सैक्टर-10 के पास और सैक्टर-15 ए और बी शामिल हैं। लोगों को कहा गया है कि इन मार्गों पर यात्रा करते समय सावधानी बरतें और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें।
ट्राइसिटी में रात से ही बारिश हो रही थी। इस वजह से सुखना लेक का जल स्तर 1162.90 फीट के करीब पहुंच गया था। जैसे ही 1162 को क्रॉस करता है। उसके बाद फ्लड गेट खोले जाते है। प्रशासन ने लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। इसके अलावा नगर निगम की टीमें भी अलर्ट मोड पर है।
चंडीगढ़ में लगातार भारी बारिश से शहर के जलाशयों और चोए ओवरफ्लो हो गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट निशांत कुमार यादव ने आदेश जारी किया है कि किसी भी व्यक्ति या उसके पालतू पशु/पशुधन को तालाब, नाले, चोए, झील, पोखर या अन्य जलाशयों में प्रवेश करने की सख्त मनाही होगी। आदेश तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

राष्ट्रीय खाद्यान्न संकट में, 4 लाख एकड़ जमीन जलमग्न, गुरमीत खुडियां ने केंद्र से तत्काल राहत की मांग की • कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। • खुदियां कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव को प्रदर्शित करता है • बाढ़ के विनाशकारी प्रभाव से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय पैकेज और प्रभावित किसानों को सहायता देने के लिए बढ़े हुए मुआवजे की मांग की गई।

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