मेयर के साथ प्रशासक से मिले कौंसलरों ने लैंड पुलिंग पॉलिसी लागू करने की मांग रखी
चंडीगढ़,, 28 अगस्त। यहां नगर निगम में शामिल किए 22 गांवों की शामलाट की जमीन पर अवैध कब्जे होने से चिंता का माहौल है। इसकी वजह प्रशासन और विभागों की लापरवाही और अस्पष्टता को माना जा रहा है।
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में ये गांव नगर निगम सीमा में शामिल तो कर लिए थे, लेकिन जमीन का मालिकाना हक अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया। इसे लेकर मेयर हरप्रीत कौर बबला और बीजेपी कौंसलरों के प्रतिनिधिमंडल ने चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को ज्ञापन सौंपा। जिसमें हवाला दिया गया कि पंचायत और डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के तहत दर्ज जमीन पर निगम प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा। इसी असमंजस का फायदा उठाकर दबंग और प्रॉपर्टी डीलर जमीनों पर कब्जा कर इमारतें खड़ी कर रहे हैं।
कौंसलरों ने मांग की कि इस जमीन को तुरंत नगर निगम को ट्रांसफर किया जाए। ताकि निगम कार्रवाई कर अवैध कब्जों पर रोक लगा सके। कौंसलरों ने कहा कि निगम सदन पहले ही सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर चुका है कि शामलाट जमीन निगम को सौंपी जाए। गर समय रहते कार्रवाई ना हुई तो इन गांवों की पहचान खत्म हो जाएगी।
मेयर बबला ने कहा कि चंडीगढ़ एक मॉडल शहर है और यहां शहरीकरण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। किसानों और जमीन मालिकों को सुरक्षा देने और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए, हरियाणा-पंजाब और गुजरात की तरह यहां भी लैंड पुलिंग पॉलिसी लागू की जानी चाहिए। इस मौके पर पूर्व डिप्टी मेयर कुलजीत संधू, पार्षद गुर्चरण सिंह काला, पूर्व मेयर सरबजीत कौर, पार्षद मनोज सोनकर, सतिंदर पाल सिंह सिद्धू (नॉमिनेटेड) आदि मौजूद रहे।