चंडीगढ़, 27 अगस्त:
पंजाब ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 310 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड श्रम उपकर संग्रह दर्ज किया है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है। यह 2021-22 में 203.94 करोड़ रुपये, 2022-23 में 208.92 करोड़ रुपये और 2023-24 में 180 करोड़ रुपये से उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।
श्रम मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने कहा कि यह उपलब्धि श्रम कल्याण से संबंधित अनुपालन बढ़ाने, पारदर्शिता में सुधार लाने और निगरानी तंत्र को मज़बूत करने के लिए पंजाब सरकार के ठोस प्रयासों को दर्शाती है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के मार्गदर्शन में, श्रम विभाग ने उपकर संग्रह प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया है और जवाबदेही एवं दक्षता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठाया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने एकत्रित धनराशि का उपयोग निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है, जिसमें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कौशल विकास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक बेहतर पहुँच शामिल है। सोंड ने आगे कहा कि यह ज़बरदस्त वृद्धि न केवल एक वित्तीय उपलब्धि है, बल्कि श्रम क्षेत्र में बेहतर प्रशासन और सक्रिय नीति कार्यान्वयन का भी सूचक है। गौरतलब है कि श्रम उपकर मुख्य रूप से राज्य के भीतर निर्माण संबंधी गतिविधियों और परियोजनाओं से एकत्र किया जाता है ताकि श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित किया जा सके।
श्रम मंत्री ने कहा कि पंजाब भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड और पंजाब भवन कामगार कल्याण बोर्ड ने स्टाइपेंड स्कीम, एलटीसी स्कीम, शगुन स्कीम समेत विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के नियमों और शर्तों को सरल बनाया है और श्रम विभाग द्वारा विभिन्न अधिनियमों के तहत प्रदान की जाने वाली सभी सेवाओं/औद्योगिक योजनाओं को डिजिटल कर दिया गया है।