चंडीगढ़,,, 25 अगस्त। भारतीय डाक विभाग ने देशभर में एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी की शुरुआत की है। करीब 5,800 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस नए डिजिटल प्लेटफॉर्म का मकसद डाक सेवाओं को तेज, सुरक्षित और पूरी तरह आधुनिक बनाना है।
जानकारी के मुताबिक यह पहल इंडिया पोस्ट के आइटी मॉडर्नाइजेशन 2.0 प्रोग्राम के तहत की गई है, जिससे डाक सेवाएं अब सिर्फ चिट्ठी और मनीऑर्डर तक सीमित ना रहकर हाई-टेक ई-कॉमर्स जैसी सुविधाएं भी देने लगेंगी। इससे पार्सल और चिट्ठियों की रियल-टाइम ट्रैकिंग संभव होगी। डिलीवरी से पहले एसएमएस और मोबाइल ओटीपी मिलेगा, जिसे बताने पर ही डाक या पार्सल सौंपा जाएगा। इसके अलावा डाकिया अब जीपीएस की मदद से सही लोकेशन पर समय पर पहुंचेगा, जिससे गलत डिलीवरी की समस्या खत्म होगी।
सेवाओं में भुगतान की सुविधा को भी डिजिटल बनाया गया है। अब ग्राहक क्यूआर कोड और यूपीआई पेमेंट के जरिए पोस्ट ऑफिस में स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड डाक, पार्सल, इंटरनेशनल मेल और मनी ऑर्डर जैसी सेवाओं का भुगतान कर सकेंगे। इंडिया पोस्ट के मुताबिक नई व्यवस्था लागू होने के बाद डाक सेवाओं में पूरी तरह डिजिटल और मोबाइल-फ्रेंडली अनुभव मिलेगा। ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में इसकी पहुंच से डाकघरों की भूमिका व्यापक होगी। देश का डाक नेटवर्क एक ग्लोबल लेवल का लॉजिस्टिक्स सिस्टम बनकर उभरेगा। कई शहरों में यह नई व्यवस्था सितंबर से लागू हो सकती है।
