चंडीगढ़, 22 अगस्त:
पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की कानूनी माप विज्ञान शाखा ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस वर्ष अप्रैल से जुलाई तक एकत्रित शुल्क, निरीक्षण और सत्यापन जैसे कई मापदंडों पर प्रगति की है।
शमन शुल्क के रूप में, विधिक माप विज्ञान विंग ने 1.10 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में विंग ने 49.68 लाख रुपये एकत्र किए थे। इस प्रकार, इसमें 121 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है। विंग ने 5753 निरीक्षण किए, जबकि इस बार निरीक्षणों का आंकड़ा 11,035 है। पंजीकृत मामलों की बात करें तो पिछले वर्ष यह संख्या 587 थी, जबकि इस वर्ष यह संख्या 1531 तक पहुँच गई है। इसी प्रकार, पिछले वर्ष व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का 41625 सत्यापन किया गया था, जबकि इस वर्ष 42733 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक ने आज यहां अनाज भवन में विधिक माप विज्ञान विंग के कामकाज की समीक्षा करते हुए विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई कड़ी मेहनत की सराहना की तथा उन्हें और अधिक उत्साह एवं समर्पण के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
बैठक के दौरान मंत्री को बताया गया कि विंग के पास अमृतसर, लुधियाना, जालंधर और पटियाला में विभाग के स्वामित्व वाली मानक प्रयोगशालाएं हैं, जबकि सरहिंद और खन्ना में नई प्रयोगशालाएं प्रस्तावित हैं।
विंग के पुनर्गठन तथा आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता के संबंध में श्री कटारूचक ने विंग के अधिकारियों से विस्तृत प्रस्ताव भेजने को कहा ताकि वे उनका गहन अध्ययन कर सकें तथा शीघ्रातिशीघ्र आवश्यक कदम उठा सकें।
विधिक माप विज्ञान विंग का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है कि बेची और खरीदी गई वस्तुएं दावे के अनुसार सही मात्रा और परिमाण में हों।
इस अवसर पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के प्रमुख सचिव राहुल तिवारी, पनग्रेन के अतिरिक्त सचिव कमल कुमार गर्ग और कानूनी माप विज्ञान विंग के नियंत्रक मनोहर सिंह भी उपस्थित थे।