नामी एनआरआई उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल का का 94 साल की उम्र में ब्रिटेन में निधन, जालंधर में पैदा हुए थे

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उनकी गिनती ब्रिटेन के सबसे अमीर लोगों में होती थी, हरियाणा के भिवानी से था खास नाता

पंजाब, 22 अगस्त। भारतीय मूल के नामचीन ब्रिटिश उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल का लंदन में 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से भारत और ब्रिटेन उद्यमी आहत हैं और दोनों मुल्कों के दिग्गज राजनेताओं ने भी गहरा दुख जताया।
जानकारी के मुताबिक लॉर्ड स्वराज पॉल का जन्म 18 फरवरी ,1931 में अविभाजित पंजाब के जालंधर में हुआ था। हालांकि उनका हरियाणा के भिवानी से खास रिश्ता था। उनके पिता प्यारे लाल अग्रवाल छोटी सी फाउंड्री चलाते थे, जहां स्टील की बाल्टियां-कृषि उपकरण बनते थे। स्वराज पॉल की प्रारंभिक शिक्षा जालंधर के लब्बू रम दोआबा स्कूल में हुई थी। बाद में उन्होंने फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज, लाहौर और दोआबा कॉलेज, जालंधर में पढ़ाई की। इसके बाद वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने अमेरिका गए।
फिर 1960 के दशक में पॉल चार साल की बेटी के कैंसर का इलाज कराने ब्रिटेन चले गए। बेटी अंबिका के निधन से गहरे आघात के बाद उन्होंने उसकी स्मृति में ‘अंबिका पॉल फाउंडेशन’ स्थापित की। जिसने दुनिया भर में बच्चों और युवाओं की शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए लाखों पाउंड दान किए।
हाल ही में, उन्होंने भिवानी जिले के चांग गांव में राजकीय सीनियर सेकेंडरी कन्या स्कूल के नए भवन निर्माण के लिए करीब 3 करोड़ रुपये का दान दिया। इसके अलावा, देशभर में एपीजे स्कूलों की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जालंधर में अपने पुरानी स्कूल (अब एपीजे स्कूल) में उन्होंने अपनी पत्नी, पुत्र और पोते के साथ बचपन की यादें ताजा कीं नीम का पौधा भी रोपा था।
पीएम मोदी ने भी गहरा दुख जताया :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि लॉर्ड स्वराज पॉल के निधन से गहरा दुख हुआ। उद्योग, परोपकार और यूके में सार्वजनिक सेवा में उनके योगदान और भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों के लिए उनके अटूट समर्थन को हमेशा याद किया जाएगा। हमारी कई मुलाकातों को स्नेहपूर्वक याद करता हूं।
तमाम उपलब्धियां हासिल कीं :
लॉर्ड पॉल ने 1968 में यूके में कपारो ग्रुप की स्थापना की, जो स्टील और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक वैश्विक समूह बन गया। यह समूह यूके, उत्तरी अमेरिका, भारत और मध्य पूर्व में 40 से अधिक स्थानों पर संचालित होता है और अपने चरम पर 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार देता था। उनकी संपत्ति का अनुमान 2025 में ‘संडे टाइम्स रिच लिस्ट’ में 2 बिलियन पाउंड आंका गया, जिसके साथ वे 81वें स्थान पर थे। 1978 में उन्हें ब्रिटिश महारानी से नाइटहुड की उपाधि मिली और 1996 में कंजर्वेटिव प्रधानमंत्री जॉन मेजर द्वारा उन्हें हाउस ऑफ लॉर्ड्स में लाइफ पीयर नियुक्त किया गय। जिसके बाद वे मैरीलेबोन के लॉर्ड पॉल के रूप में जाने गए। उन्होंने 1998 से 2010 तक ब्रिटिश व्यापार के राजदूत के रूप में भी सेवा दी और 2008 में हाउस ऑफ लॉर्ड्स के डिप्टी स्पीकर बने। 2012 के लंदन ओलंपिक की बोली में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। लॉर्ड पॉल ने वॉल्वरहैम्प्टन विश्वविद्यालय और वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में कुलाधिपति के रूप में भी सेवा दी। उनकी फाउंडेशन ने वॉल्वरहैम्प्टन विश्वविद्यालय को 2015 में 10 लाख पाउंड का दान दिया, जो विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा एकल दान था।

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