रोजगार्डन नवीनीकरण में 10 प्रतिशत कमिशन मांगने का मामला
लुधियाना 22 अगस्त। रोजगार्डन के नवीनीकरण को लेकर दिए जाने वाले टेंडर में 10 प्रतिशत कमीशन मांगने के आरोप में विजिलेंस द्वारा करीब दो महीने पहले एसई संजय कंवर को गिरफ्तार किया था। इस मामले में जिला अदालत द्वारा एसई को जमानत दे दी गई है। हालांकि इस जमानत के बाद विजिलेंस की जांच सवालों के घेरे में आ गई है। विजिलेंस द्वारा अपनी जांच और केस की पैरवी सही तरीके से न करने के चलते ही आरोपी एसई संजय कंवर को जमानत मिली है। कोर्ट की और से यह जमानत भी इस दलील पर दी है कि विजिलेंस विभाग की और से दो महीने बाद चालान पेश किया। जबकि चालान पेश करते हुए और केस की सुनवाई के दौरान कोई भी सबूत पेश नहीं किया गया। जिसके आधार पर यह जमानत मंजूर की गई है। वहीं इस जमानत के बाद शहर में चर्चा है कि विजिलेंस और एसई में करीब एक करोड़ रुपए की डील हुई है। जिसके बाद ही विभाग द्वारा केस की पैरवी सही से नहीं की और आरोपी जेल से बाहर आ गया।
सरकार से लेनी होती है परमिशन
चर्चा है कि विजिलेंस की और से कोई भी दस्तावेज पेश करने के लिए पहले पंजाब सरकार से परमिशन लेनी होती है। लेकिन इस केस में विजिलेंस न दो महीने बीतने के बाद भी न तो सरकार से कोई मंजूरी ली और न ही कोई दस्तावेज अपने सत्र पर पेश किया। जिससे साफ जाहिर है कि आपसी मिलीभगत के चलते किसी तरीके से एसई के जेल से बाहर निकालना था। जिसमें भ्रष्ट अधिकारी सफल रहे।
मान सरकार को बदनाम करने में जुटी विजिलेंस
एक तरफ जहां पंजाब के सीएम भगवंत मान की और से भ्रष्टाचारियों पर नुकेल डालने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं विजिलेंस द्वारा इन भ्रष्ट अधिकारियों के साथ सेटिंग करके अपनी जेूब गर्म कर ली जाती है और मान सरकार को बदनाम किया जा रहा है। यहीं नहीं और भी कई मामलों में विजिलेंस पर पहले जोरो शोरो से एक्शन लेने और फिर सेटिंग कर मामला दबाने के आरोप लग चुके हैं। अब देखना होगा कि एसई संजय कंवर के मामले में क्या मान सरकार जिम्मेदार अफसरों पर एक्शन लेगी या नहीं।
एसई कई घोटालों के लग चुके है आरोपी
एसई संजय कंवर पर रोजगार्डन टेंडर घोटाले के अलावा भी कई घोटालों में शामिल होने के आरोप लग चुके हैं। जिसमें लैय्यर वैली, पसंदीदा सोहम कंस्ट्रक्शन कंपनी को नया लुक प्लांट लगाने पर दो करोड़ एनलिस्टमेंट करने, अवैध तरीके से होटल बनवाने समेत कई बड़े स्कैम में शामिल होने के आरोप लग चुके हैं। वहीं एसई संजय कंवर की करोड़ों की प्रॉपर्टी और बेशकीमती कारों की बात तो जगजाहिर है। जिसके बावजूद निगम द्वारा इस मामले में कोई सबूत नहीं पेश किया जा सका।
बड़े साहब का रहस्य बरकरार
वहीं एसई संजय कंवर द्वारा अपनी पूछताछ के दौरान यह माना गया था कि उसने बड़े साहब के साथ मिलकर कमिशन मांगी थी। जिसमें बड़े साहब का भी नाम सामने आया था। लेकिन विजिलेंस न तो उक्त बड़े साहब का नाम उजागर कर सकी और न ही इस स्कैम में शामिल अन्य अधिकारियों को सामने ला सकी। चर्चा है कि इस मामले में अफसरों की सेटिंग हो गई थी। जिसके चलते उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया।