बड़ी चुनौती : भिवानी में महिला टीचर मनीषा की मौत बनी पहेली, कत्ल या खुदकुशी, हरियाणा पुलिस जांच में नाकाम !

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सैनी सरकार की भी फजीहत, 3 पोस्टमार्ट के बाद संस्कार, पुलिस के हाथ खड़े, अब सीबीआई करेगी जांच

हरियाणा, 21 अगस्त। सूबे की पुलिस और सैनी सरकार के लिए भिवानी में महिला टीचर मनीषा की नौ दिन पहले मौत का मामला चुनौती बना है। शायद ऐसा पहली बार है कि 9 दिन पुराने गले-सड़े शव का तीसरी बार पोस्टमार्टम हुआ। विसरा सैंपल के साथ मनीषा के शव से रिसैंपलिंग लेकर अब एम्स दिल्ली से पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का इंतजार है।
जानकारी के मुताबिक इससे पहले मनीषा के शव का पोस्टमार्टम भिवानी जिला अस्पताल और फिर रोहतक पीजीआई में चिकित्सकों के बोर्ड ने किया था। रिपोर्ट में मनीषा की मौत जहरीला पदार्थ निगलने से मानी गई। शव को कुत्तों व जंगली जानवरों द्वारा भी नोंचकर खाया गया। बड़ा सवाल, पुलिस की जांच में क्या चूक रही, जिससे यह मामला पहले है। मौके पर पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिले। हालांकि पुलिस जांच में इसे शुरुआत से हत्या का मामला माना जाता रहा है। इसी वजह से पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि पड़ोसी प्रांतों में भी मनीषा की मौत में न्याय की मांग को लेकर लोगों में आक्रोश जारी है।
मृतका मनीषा के परिजनों का आरोप है कि पुलिस की भूमिका शुरुआत से ही नकारात्मक रही। मनीषा 11 अगस्त को गायब हुई थी। तभी से पुलिस ने उसे तलाशने की बजाए बेटी के चरित्र पर ही गंभीर सवाल उठाए। 12 अगस्त को लोहारू पुलिस थाना में गुमशुदगी की रपट दर्ज हुई। अगले दिन सुबह उसका शव सिंघानी नहर के पास गली सड़ी हालत में मिला। सुसाइड नोट भी अगर मिला तो उसे पुलिस ने गोपनीय रखा। पांच दिन बाद परिजनों को सोशल मीडिया से ही पता चला। वहीं मनीषा का गुरुवार को 9वें दिन अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अब डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि हरियाणा पुलिस मनीषा मौत मामले की जांच नहीं करेगी। जल्द ही यह केस सीबीआई को हैंडओवर कर दिया जाएगा। जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची, इस मामले में तथ्यों का खुलासा करना ठीक नहीं है।

 

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