चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग बंद, दोनों तरफ आने-जाने वाले सैकड़ों लोग फंसे
चंडीगढ़, मंडी/17 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में मानसूनी कहर अभी जारी है। चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग के मंडी-कुल्लू खंड पर पनारसा, टकोली और नागवाईं इलाकों में शनिवार रात बादल फटे। जिसके बाद मंडी जिले में अचानक बाढ़ की कई घटनाएं हुईं।
जानकारी के मुताबिक बाढ़ के कारण राजमार्ग पर कई जगहों पर संपर्क बाधित हो गया है। एएसपी मंडी सचिन हिरेमठ ने बताया कि हालांकि, किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। पानी और मलबे के अचानक आने से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। घर, दुकानें और खेत मलबे से भर गए। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा। टकोली क्षेत्र में, एक नाले का पानी और मलबा अचानक कीरतपुर-मनाली फोर-लेन राजमार्ग पर बह गया। देखते ही देखते सड़क पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई।
देर रात से सुबह तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं, जिससे सैकड़ों यात्री फंसे रहे। पुलिस और एनएचएआई की टीमें रात भर जेसीबी मशीनों से मलबा हटाने में जुटी रहीं।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में लगे रहे। कई फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। लोगों से सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रशासन को सूचित करने का आग्रह किया गया।
अब तक 261 लोगों की मौत : राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, 20 जून से 16 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में मानसूनी बारिश के कारण मरने वालों की संख्या 261 हो गई है। इनमें से 136 लोग भूस्खलन, अचानक बाढ़, डूबने, बिजली का झटका लगने और मकान गिरने जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं में मारे गए। जबकि 125 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई। राज्य भर में भूस्खलन और बारिश के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 472 सड़कें अभी भी बंद हैं।
किन्नौर में दो पर्यटकों की मौत : शनिवार को किन्नौर ज़िले में भूस्खलन के बाद एक पत्थर गिरने से दिल्ली के दो पर्यटकों की मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब प्रशील बाघमारे (27) और रश्मि राम (25) युल्ला कांडा स्थित भगवान श्री कृष्ण मंदिर की ओर ट्रेकिंग कर रहे थे।
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