पीएम व केंद्रीय गृहमंत्री अचानक राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की- राजनीतिक गलियारों में सियासी अटकलें चरम पर पहुंची! 

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

सरकार के दो मुख्य स्तंभों का मानसून सत्र में राष्ट्रपति से मिलना कोई बड़ा फैसला,बड़ा बिल,जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा या फिर उपराष्ट्रपति चुनाव का मामला?

 

सरकार के दो सर्वोच्च दिग्गजों का राष्ट्रपति से एक ही दिन अलग -अलग मिलना, किसी बड़े महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर इशारा करता है-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र

 

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर पूरी दुनियाँ की नजरें भारत की हर गतिविधियों पर लगी रहती है वैसे भी अभी 21 जुलाई से 21 अगस्त तक मानसून सत्र चल रहा है तो निगाहें और भी पैनी हो जाती है कि, संसद किस तरह के बड़े फैसले लेता है,या फिर ऑपरेशन सिंदूर पर 32 घंटों की बहस के बाद अब फ़िर एसआई आर पर संसद में हंगामें केकारण कामकाज ठप्प पड़ा है,ऊपर से उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर 2025 को होने की घोषणा हो चुकी है सांसद में बड़े-बड़े बिल पेंडिंग है, इस बीच भारत सरकार व पार्टी के दो मुख्य पावरफुल सर्वोच्च दिग्गजों का अचानक रविवार 3 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति भवन में जाकर राष्ट्रपति से मुलाकात करने की गतिविधि ने भारत ही नहीं पूरे विश्व का ध्यान खींचा है,इसीलिए मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र मानता हूं कि जरूर कोई अति खास महत्वपूर्ण मुद्दा होगा जो दोनों दिग्गज अलग-अलग रूप से राष्ट्रपति भवन में जाकर उनसे मुलाकात की है,जिसका खुलासा कुछ दिनों में हो जाएगा, परंतु राजनीतिक हल्कों में सियासी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है, विपक्ष अलर्ट हो गया है कि कहीं कोई बड़ा फैसला तो नहीं लिया जा रहा है, या फिर मानसून सत्र में कोई बड़ा बिल तो पेश नहीं किया जाएगा और हंगामें के बीच ध्वनिमत से पारित कर लिया जाएगा या फिर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की भी तैयारी या फिर उपराष्ट्रपति के नाम पर मोहर लग चुकी है इसके कयास लगाए जा रहे हैं। चूँकि सरकार के दो मुख्य स्तंभों का मानसून सत्र में राष्ट्रपति से मिलना कोई बड़ा फैसला, बड़ा बिल, जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा या फिर उपराष्ट्रपति के चुनाव का मामला हो सकता है इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे पीएम गृहमंत्री नें अचानक राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की, राजनीतिक गतिविधियों में सियासी अटकलें चरम सीमा पर पहुंची।

साथियों बात अगर हम रविवार 3 अगस्त 2025 को भारत में सियासी हलचल तेज होने की करें तो,रविवार को पीएम ने और केंद्रीय गृह मंत्री ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। दोनों नेताओं के राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है।हालांकि अभी तक यह सामने नहीं आया है कि पीएम और गृहमंत्री के राष्ट्रपति से मिलने के पीछे क्या कारण है। राष्ट्रपति भवन ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात क़ी सियासी दरअसल, दोनों नेताओं की राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार या तो कोई बड़ा फैसला लेने पर विचार कर रही है या फिर सदन में कोई बड़ा बिल लाना चाहती है। इसलिए दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की है। बता दें कि संसद का मानसून सत्र चल रहा है। मानसून सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में एसआईआर को लेकर चर्चा की मांग कर रहा है। इन दोनों मांगों को लेकर विपक्ष ने लगातार प्रदर्शन किया। विपक्ष की मांग के बाद संसद के दोनों सदनों में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो गई है,लेकिन एसआई आर पर अभी तक चर्चा नहीं हुई है। विपक्ष इस मुद्दे पर सदन में चर्चा चाहता है लेकिन सरकार अभी तक इसपर बिल्कुल ही तैयार नहीं है।

साथियों बात अगर हम इस मुलाकात के माइनें 9 सितंबर 2025 को होने वाले चुनाव से जोड़कर देखें तो, चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है। 9 सितंबर को मतदान होगा। वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण नए उपराष्ट्रपति का चुनाव हो रहा है। 7 अगस्त को चुनाव आयोग की तरफ से अधिसूचना जारी की जाएगी।

बता दें कि 21 जुलाई को पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। ऐसे में फिर से उपराष्ट्रपति पद पर चुनाव होना है। यहां समझें दोनों सदनों का नंबर गेम, संसद की दोनों सदनों में सांसदों की कुल संख्या 782 है। उपराष्ट्रपति पद पर जीत दर्ज करने के लिए उम्मीदवार को 391 मतों की आवश्यकता होती है। लोकसभा में 542 सदस्यों में, एनडीए के 293 सांसद हैं। वहीं, राज्यसभा में 240 सदस्यों में से 129 सदस्य एनडीए के हैं। कुल मिलाकर एनडीए को 422 सांसदों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में एनडीए का उम्मीदवार ही उपराष्ट्रपति पद का दावेदार हो सकता है। फिलहाल की तरफ से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है। यहां रेखांकित करने वाली बात यह है कि पार्टी के पास इस समय उपराष्ट्रपति चुनाव में धनखड़ और नायडू जैसी स्थिति नहीं है अभी तीन पहियों पर सरकार सवार है इसलिए बाकी दो पहियों से उम्मीदवार के नाम पर सहमति लेना जरूरी हो गया है,नहीं तो नंबर गेम में बड़ा खेला होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता नंबर गेम के हिसाब से और दो पहिए अगर क्रॉस वोटिंग कर गए गए तो हो सकता है उपराष्ट्रपति विपक्ष का हो जाए पर इसकी संभावना बहुत कम है।

साथियों बात अगर हम इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता शशि थरूर के बयान की करें तो, जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर से पूछा गया कि देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि केवल सत्तारूढ़ पार्टी का उम्मीदवार इस पद पर बैठ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह मालूम नहीं है कि वह किसे उपराष्ट्रपति बनाएगी। थरूर ने कहा कि हम बस इतना जानते है कि वह जिसे उम्मीदवार बनाएगी, वह व्यक्ति ही अगला उपराष्ट्रपति होगा। यह संसद के दोनों सदनों का चुनाव है।उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में राज्य की विधानसभाएं भी चुनाव करती हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति के लिए केवल लोकसभा और राज्यसभा ही मतदान करते हैं। इसलिए हम बहुमत पहले से ही जानते हैं। आगे कहा कि इतना समझ लीजिये कि अगला उपराष्ट्रपति सत्तारूढ़ दल द्वारा नामित व्यक्ति होगाउन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र अगले उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए विपक्ष की भी सलाह लेगा, लेकिन कौन जाने?

साथियों बात अगर हम उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया व योग्यता की करें तो, उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया और योग्यता (1) भारत का नागरिक होना चाहिए(2) कम से कम 35 वर्ष की आयु होनी चाहिए (3) राज्यसभा का सदस्य चुने जाने की योग्यता होनी चाहिए (4) उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया होती है (5) उम्मीदवार को 15,000 रूपए की जमानत राशि जमा करनी होती है (6) 1/6 वोट न मिलने पर जमानत राशि जब्त हो जाती है (7) नामांकन पत्रों की जांच के बाद वैध उम्मीदवारों की सूची तैयार की जाती है (8) मतदान प्रक्रिया में, मतदाता अपनी पसंद के अनुसार उम्मीदवारों को प्राथमिकता देते हैं (9) उदाहरण के लिए, यदि तीन उम्मीदवार A, B, और C हैं, तो मतदाता प्राथमिकता दर्शा सकता है (10) हर सांसद एक वोट देता है (11) प्राथमिकता के आधार पर उम्मीदवारों को 1, 2, 3…के क्रम में दर्शाता है (12) मतों की गिनती के बाद, उम्मीदवारों को उनकी प्राथमिकता के अनुसार मतों का आवंटन किया जाता है (13) सबसे ज्यादा मत पाने वाले उम्मीदवार को राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित किया जाता है.

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विशेषण करें तो हम पाएंगे कि पीएम व केंद्रीय गृहमंत्री अचानक राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की- राजनीतिक गलियारों में सियासी अटकलें चरम पर पहुंची!सरकार के दो मुख्य स्तंभों का मानसून सत्र में राष्ट्रपति से मिलना कोई बड़ा फैसला,बड़ा बिल,जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा या फिर उपराष्ट्रपति चुनाव का मामला?सरकार के दो सर्वोच्च दिग्गजों का राष्ट्रपति से एक ही दिन अलग-अलग मिलना, किसी बड़े महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर इशारा करता है।

 

*-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र *

Leave a Comment