हिमाचल की सियासी हलचल, बीजेपी सरकार के पूर्व सीएम जयराम, मुख्यमंत्री को कैसे बायपास कर पीएम मोदी से मिले
चंडीगढ़, 31 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में अजीबोगरीब सियासी-हालात बने हैं। यहां बरसात में कुदरती-आपदा को लेकर भाजपा सरकार में सीएम रहे जयराम ठाकुर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल आए। जबकि सूबे की कांग्रेस की कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद को ‘बायपास’ करने के मुद्दे पर ‘खामोशी’ साध ली। इसे लेकर हिमाचल में सियासी-हलचल पैदा हो गई है।
जानकारी के मुताबिक नेता विपक्ष जयराम ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक विशेष पैकेज की मांग की। इस पर सियासी-हल्कों में चर्चाएं हो रही हैं कि क्या मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री से संपर्क नहीं कर पा रहे या जाने को तैयार नहीं ? या क्या भाजपा के विपक्ष में होने के बावजूद डबल इंजन सरकार चलती रहती है। अगर ऐसा है, तो क्या सूबे में लोकतंत्र है और क्या यह जनता की पसंद है ? सियासी-जानकारों की मानें तो सीएम सुक्खू को इस पर आपत्ति जतानी चाहिए, क्योंकि उनकी स्थिति पर सवाल उठते हैं।
दूसरी तरफ, जयराम ने मोदी हिमाचल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास और पुनर्निर्माण को राहत पैकेज की मांग की। उन्होंने वन संरक्षण अधिनियम में भी ढील देने की मांग कि ताकि बादल फटने और बाढ़ में बेघर लोगों के पुनर्वास के लिए ज़मीन उपलब्ध कराई जा सके। प्रधानमंत्री ने उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। जयराम ने बताया कि आपदा से राज्य को 1,200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। जिसमें 30 जून की रात को अकेले सेराज विधानसभा क्षेत्र में 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है।
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