अमृतसर 27 जुलाई। तरनतारन जिले से राजस्थान में जयपुर की पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में आयोजित न्यायिक सेवा परीक्षा (पीसीएस-जे) में शामिल होने पहुंची एक सिख छात्रा को उसके धार्मिक प्रतीकों (ककार) की वजह से परीक्षा केंद्र में जाने से रोक दिया गया। छात्रा का आरोप है कि सिक्योरिटी स्टाफ ने उससे ककार उतारने के लिए कहा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इस कारण छात्रा परीक्षा केंद्र के अंदर नहीं जा सकी, जिससे उसका एग्जाम छूट गया। मौके से ही उसने घटना के कुछ वीडियो बनाकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को ईमेल किए। इस घटना को एसजीपीसी ने धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया है। वहीं, पंजाब की राजनीतिक पार्टियां भी राजस्थान के सीएम से इस मामले में संज्ञान लेकर जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की मांग कर रही हैं। वहीं, यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने इस कार्रवाई को गाइडलाइन के अनुरूप बताया। साथ ही यह भी कहा कि इसमें यूनिवर्सिटी का कोई लेना-देना नहीं है। एग्जामिन बॉडी की ओर से यह कार्रवाई की गई थी।
गाइडलाइन के अनुरूप एग्जाम कंडक्ट हुआ
पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. देवेंद्र सोमवंशी ने कहा है कि एग्जामिन बॉडी की ओर से दी गई गाइडलाइन के अनुरूप एग्जाम कंडक्ट करवाया था। उन्होंने कहा- इसमें ताबीज, झंडा, कड़ा या इस तरह के आभूषण या फिर उपकरण को परीक्षा केंद्र में ले जाने की अनुमति नहीं थी। रजिस्ट्रार ने कहा- इस गाइडलाइन के अनुरूप आज परीक्षा केंद्र पर 5 छात्रों को रोका गया था। 4 ने गाइडलाइन का पालन करते हुए परीक्षा केंद्र में एंट्री ली। एक अभ्यर्थी इसका विरोध करने लगी।
खडूर साहिब से एग्जाम देने गई थी छात्रा
जानकारी के अनुसार, पंजाब के तरनतारन जिले के खडूर साहिब की रहने वाली छात्रा गुरप्रीत कौर का रविवार को एग्जाम था। उसे 9 बजे तक एग्जाम सेंटर पर पहुंचना था और 10 बजे से उसकी परीक्षा थी। जब वह पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में बनाए एग्जाम सेंटर पर पहुंची तो सिक्योरिटी स्टाफ ने उसे रोक लिया। सिक्योरिटी स्टाफ ने छात्रा से कहा कि वह अपना कड़ा और कृपाण उतारकर रख दे और अंदर जाए। छात्रा ने इसका विरोध किया और कड़ा व कृपाण नहीं उतारे। इसे लेकर दोनों के बीच बहस हुई। इस पर सिक्योरिटी ने छात्रा को एग्जाम सेंटर में नहीं घुसने दिया।