आचार्य नित्यानन्द गिरि जी ने शिवपुराण के महात्मय का वर्णन किया
मुकेश घई
मंडी गोबिंदगढ़ 24 July । लक्ष्मी नारायण मंदिर में श्री हरि कथा समिति एवं श्री अम्बिका ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज मंडी गोबिंदगढ़ के तत्वावधान में शिव महापुराण कथा का शुभारंभ हुआ, जिसमें आचार्य नित्यानन्द गिरि जी ( वृन्दावन धाम वाले ) 24 जुलाई से 3 अगस्त तक शिव महापुराण कथा का वाचन करेंगे। पहले दिवस की कथा के मुख्य अतिथि श्रीमति यशोदा अग्रवाल ,अरुण अग्रवाल व् अग्रवाल परिवार के अन्य सदस्यों के द्वारा शिव महा पुराण की पूजा अर्चना कर महाराज जी को मालार्पण की। उनके साथ समिति के चीफ पैटर्न प्रकाश चंद गर्ग ,चेयरमेन डॉ मनमोहन कौशल ,अध्यक्ष शरण दास मित्तल ,महासचिव सुरेश गुप्ता, कोषाध्यक्ष सज्जन गोयल, सचिव संदीप गोयल , प्रभातफेरी चेयरमैन दविंदर पराशर,मंदिर के अध्यक्ष बृज मोहन गुप्ता, मोती लाल सेतिया, सह प्रभातफेरी चेयरमैन ऋषि राज गोयल, सह कोषाध्यक्ष राकेश गुप्ता,अश्वनी भांबरी,देव प्रकाश डाटा,केशव डाटा, सुमित गुप्ता,सुनील मित्तल,सतीश शर्मा,ललित गुप्ता,आदि ने भी मालार्पण कर महाराज जी से आशीर्वाद लिया।
श्री शिव महापुराण कथा के प्रथम दिवस आचार्य नित्यानंद गिरी जी महाराज ने श्री शिव महापुराण महात्मय का वर्णन करते हुए बताया कि किरात नगर निवासी ब्राह्मण देवराज ने शिव पुराण के श्रवण मात्र से शिवलोक को प्राप्त किया है। चंचुला के पति बिंदुग की मोक्ष की कथा सुनाई कि कैसे भगवान का पूजन केवल देखने मात्र से बिंदुग को मोक्ष की प्राप्त होगी । पत्नी धर्म का वर्णन करते हुए कहा कि प्रेत योनि को प्राप्त बिंदुग को शिव पुराण श्रवण करा के चंचूला ने अपने पति को शिवलोक ले जाकर शिवगन बना दिया। शिव महापुराण महात्मा का वर्णन करते स्वामी जी ने बताया कि भूत पिशाच प्रेत योनि से छुटकारा पाने के लिए शिव महापुराण श्रवण ही सबसे उत्तम सरल साधन है, शिव पुराण श्रवण से पाप नाश होता है और साधक को सावन मास में विशेष फल प्राप्त होता है। भगवान शिव के साकार तथा निराकार स्वरूप का संपूर्ण वर्णन श्रवण कराते हुए कहा कि मूलत भगवान शिव तो निराकार हैं व्यापक है, निर्गुण है परंतु भक्तों के तप -साधना से प्रसन्न होकर भक्तों के कल्याण हेतु भोलेनाथ साकार स्वरूप धारण करते हैं। कथा व्यास श्री आचार्य नित्यानंद गिरी जी महाराज ने भगवान शिव शंकर जी के पंचोंपचार षोडशोपचार पूजन की विधि का वर्णन किया । श्री हरी कथा समिति चेयरमैन प्रकाश चंद गर्ग, प्रधान मनमोहन कौशल ने शिव महा पुराण कथा संबधी जानकारी देते हुए कहाकि हम सभी नगर निवासियों को श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर शास्त्री नगर में शाम 4 बजे से शाम 7 बजे से हो रही कथा को श्रवण कर अपने जीवन में अच्छे संस्कारों को अपनाकर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए। आचार्य नित्यानन्द गिरि जी ने कहा कि आशुतोष भगवान शंकर देवो के देव महादेव कहे जाते हैं क्योंकि ये शीघ्र प्रसन्न होकर अपनो भक्तों को फल प्रदान करते हैं अतः पूरे मन से उनकी पूजा अर्चना करनी चाहिए। शिव कथा जीवन को स्वच्छ बनाने की प्रेरणा देती है। आज के भोग की सेवा मोती लाल सेतिया परिवार की तरफ से की गई। इस अवसर पर,अशोक जलुरिया,जे.पी.गोयल, रूल्दूराम,नरेंद्र भाटिया,शिवम् बंसल, जगदीश गुप्ता,रमेश धालीवाल, ज्ञान चंद शर्मा,रमेश जोशी,यशोदा अग्रवाल,निर्मला गुप्ता,आशा सेतिया, लक्ष्मी मित्तल,रितु शर्मा, मीनाक्षी शर्मा, काफी सख्यां में भक्त मौजूद थे।