लुधियाना 20 JULY : दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डी एम सी एंड एच), लुधियाना ने अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। एक 54 वर्षीय पुरुष मरीज, जो लुधियाना का रहने वाला था और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित था, को ब्रेन हेमरेज के कारण डी एम सी एंड एच में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित किया। इस स्थिति में डॉक्टरों ने उसके परिवार से अंग दान की बात की और उन्हें बताया कि एक अंग दाता आठ लोगों की जान बचा सकता है।
मरीज के परिवार ने इस मुश्किल समय में साहस और करुणा दिखाते हुए अंगदान के लिए सहमति दी। डॉक्टर पी.एल. गौतम की देखरेख में डी एम सी एंड एच की मेडिकल टीम ने मरीज से लीवर, दोनों किडनी और कॉर्निया (नेत्र) सफलतापूर्वक प्राप्त किए। लीवर को सिरसा के रहने वाले 32 वर्षीय मरीज में प्रत्यारोपित किया गया, जो लंबे समय से बीमार था। यह प्रत्यारोपण डी एम सी एंड एच की लीवर ट्रांसप्लांट टीम ने डॉक्टर गुरसागर सिंह साहोता, चीफ़ लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन के नेतृत्व में किया। नेत्र विभाग की प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. गुरविंदर कौर की निगरानी में कॉर्निया प्रत्यारोपण भी सफलतापूर्वक हुआ। किडनियों को ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से दूसरे अस्पताल भेजा गया ताकि समय पर प्रत्यारोपण हो सके और अधिक लोगों की जान बचाई जा सके।
डी एम सी एंड एच प्रबंधन समिति के सचिव श्री बिपिन गुप्ता ने अंगदाता और उनके परिवार का हृदय से धन्यवाद किया और अस्पताल की टीम के समर्पण की सराहना की। उन्होंने इसे डी एम सी एंड एच के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया और कहा कि यह केवल चिकित्सा की उपलब्धि नहीं बल्कि मानवता और उम्मीद का संदेश है।
प्रधानाचार्य डॉ. जी.एस. वांडर और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. संदीप शर्मा ने सभी टीमों को बधाई दी और अस्पताल के आधुनिक ढांचे और तैयारी की सराहना की। उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और प्रशासन की बेहतर तालमेल की भी तारीफ की, जिससे यह कार्य सफल हो सका। दोनों डॉक्टरों ने कहा कि हर अंगदाता एक सच्चा नायक होता है, जो मृत्यु के बाद भी जीवन का उपहार देता है।
अंत में, डी एम सी एंड एच प्रशासन ने अंगदाता के शरीर को पूरे सम्मान के साथ उनके घर तक पहुंचाया और उनके इस महान कार्य को श्रद्धांजलि दी।