लुधियाना 17 जुलाई। लुधियाना नगर निगम में आए दिन नए नए घोटाले उजागर होते रहते हैं। अब नया मामला ओएंडएम सेल का सामने आया है। जहां पर हलका वेस्ट में पानी, सीवरेज और बरसाती पानी के लिए डाली जाने वाली पाइपों के प्रोजेक्ट में ही करीब 30 से 35 करोड़ का घोटाला कर दिया गया है। दरअसल, सरफेस वाटर सप्लाई फॉर एबीडी एरिया नाम से प्रोजेक्ट की 2019 में शुरुआत की गई थी। समार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरुआत हुई। लेकिन छह साल बीतने के बाद भी प्रोजेक्ट का काम 50 प्रतिशत ही हुआ। जबकि इसके विपरीत निगम द्वारा टेंडर लेने वाली कंपनी को 95 प्रतिशत पेमेंट भी अदा कर दी गई है। हैरानी की बात तो यह है कि अगर काम पूरा ही नहीं हुआ, फिर पूरी पेमेंट के करीब रकम अदा कैसे कर दी गई। चर्चा है कि नगर निगम के कई अधिकारियों की टेंडर लेने वाले ठेकेदार के साथ अच्छी सेटिंग है। जिसके चलते उनकी और से आपसी मिलीभगत करके पंजाब सरकार को चूना लगाया जा रहा है।
सृष्टि इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को दिया गया था ठेका
जानकारी के अनुसार नगर निगम के ओएंडएम सेल की और से हलका वेस्ट में पानी, सीवरेज और बरसाती पानी के लिए पाइपें डालनी थी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधीन इस प्रोजेक्ट को सृष्टि इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को अलॉट किया गया था। यह प्रोजेक्ट कुल 71.16 करोड़ रुपए का था। सात मार्च 2019 को यह प्रोजेक्ट अलॉट हुआ। जिसे 30 जुलाई 2021 तक पूरा किया जाना था। लेकिन तय समय में प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका। जिसके बाद इस टेंडर को एक्सटेंड करते हुए उसे 30 जून 2025 तक बढ़ा दिया गया।
चहेते ठेकेदार को दिया टेंडर, जनता का पैसा हो रहा बर्बाद
चर्चा है कि नगर निगम द्वारा अपने चहेते ठेकेदार को यह टेंडर दिया गया। जिसके बाद अब जमकर टेंडर की आड़ में सरकारी खजाने की लूट की जा रही है। जबकि हैरानी की बात तो यह है कि जनता के करोड़ों रुपए इसी तरह बर्बाद कर दिए जा रहे हैं। लेकिन फिर भी न तो उच्च अधिकारी और न ही राजनेता इस मामले में कुछ बोल रहे हैं। चर्चा है कि अगर कोई निगम अफसरों से इस प्रोजेक्ट के बारे में पूछता भी है, तो वे कोई जवाब नहीं देते और मामले को दबाने में जुटे हैं।
खाली प्लॉटों में रखी पाइपें, हर कोई उठाकर ले जा रहा
जानकारी के अनुसार जनता के पैसों से सृष्टि इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा ली गई इस प्रोजेक्ट की पाइपों को सराभा नगर रेलवे लाइन के पास और श्री दुर्गा माता मंदिर सराभा नगर के साथ खाली प्लॉट में रखा हुआ है। जिसकी कोई देखरेख भी नहीं है। जिसके चलते जिसका मन करता है, वे पाइप अपने इस्तेमाल के लिए उठाकर ले जाता है। जिससे पता चलता है कि जनता के पैसे की बर्बादी किस तरीके से हो रही है।
क्या मंत्री संजीव अरोड़ा लेंगे एक्शन ?
बता दें कि 2019 में जब यह टेंडर अलॉट हुआ तो हलका वेस्ट के भारत भूषण आशु मंत्री थे। लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान भी अधिकारी लगातार सरकारी खजाने को चूना लगाते रहे। लेकिन अब हलका वेस्ट से ही संजीव अरोड़ा मंत्री है। अब देखना होगा कि क्या संजीव अरोड़ा नगर निगम के इस घोटाले को रोक सकेगें या अधिकारियों की लूट इसी तरह बरकरार रहेगी।