हाईकोर्ट ने कर्नल बाठ मारपीट मामले की जांच सीबीआई को सौंपी, चंडीगढ़ पुलिस की कार्रवाई नहीं संतुष्टीजनक

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पटियाला 16 जुलाई। पटियाला में कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाठ और उनके बेटे अंगद के साथ हुई मारपीट मामले में बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस से छीनकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है। यह घटना राजिंदरा अस्पताल के पास एक ढाबे के बाहर पार्किंग विवाद को लेकर हुई थी, जिसमें चार इंस्पेक्टर समेत 12 पंजाब पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगा। शुरुआती कार्रवाई में पुलिस ने निष्क्रियता दिखाई, लेकिन रक्षा मंत्रालय और आर्मी हेडक्वार्टर तक मामला पहुंचने के 9 दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई और सभी 12 कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था।

हाईकोर्ट ने बैठाई थी एसआईटी

पीड़ित परिवार ने सस्पेंड कर्मियों की गिरफ्तारी की मांग की, लेकिन कार्रवाई में देरी के चलते कर्नल बाठ की पत्नी जसविंदर कौर ने डीसी दफ्तर के बाहर धरना शुरू कर दिया। हाईकोर्ट ने पहले मामले की जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की थी, जिसने घटनास्थल का मुआयना किया, सीन रीक्रिएट किया और ढाबे के मालिक व स्टाफ से बयान लिए। एसआईटी की अगुवाई सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस मनजीत सिंह कर रहे थे, जिसमें डीएसपी और इंस्पेक्टर शामिल थे।

कर्नल की पत्नी का आरोप

हालांकि, कर्नल की पत्नी का आरोप है कि चंडीगढ़ पुलिस पंजाब पुलिस को बचाने में लगी रही और उनके परिवार के बयान तक नहीं लिए गए। जसविंदर कौर ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस को समय दिया गया था, लेकिन वे पंजाब पुलिस के इंस्पेक्टरों को बचाने में जुटी रहीं। कोर्ट में उनके अधिकारी ने धारा 307 हटाने की मांग की, जबकि हम शुरू से कह रहे हैं कि चार पुलिसवालों को बचाने के चक्कर में पूरा विभाग लगा है।