पंजाब पुलिस का नया कारनामा आया सामने
पंजाब 12 जुलाई। पंजाब पुलिस द्वारा लोगों पर नशा तस्करी के पर्चे तो दर्ज कर दिए जाते हैं, लेकिन फिर उनकी पैरवी नहीं की जाती। जिसका नतीजा शनिवार को देखने को मिला। दरअसल, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में गवाह पेश न करने पर आरोपी को जमानत दे दी है। कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि ड्रग तस्करी गंभीर अपराध है, लेकिन इसके नाम पर नागरिक अधिकारों को नहीं कुचला जा सकता। जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने कहा कि किसी अपराध की गंभीरता न्यायिक प्रक्रिया को नजरअंदाज करने का बहाना नहीं बन सकती। इस मामले में 27 बार सुनवाई हुई, लेकिन पुलिस गवाह, जो खुद सरकारी कर्मचारी हैं, हर बार गैरहाजिर रहे।
कई बड़े मामलों में भी पुलिस की कार्रवाई ढ़ीली
बार-बार समन और वारंट जारी होने के बावजूद गवाह नहीं पहुंचे, जिसे अदालत ने न्यायिक प्रक्रिया का अपमान और अभियोजन की लापरवाही बताया। हाईकोर्ट की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार पुलिस को कपूरथला के फगवाड़ा में जुलाई 2019 को 1.540 किलो ट्रामाडोल मिली थी, जो एनडीपीएस एक्ट के तहत कॉमर्शियल क्वांटिटी मानी जाती है। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद मार्च 2023 में आरोप तय हुए थे और आरोपी 2 साल 3 महीने से जेल में था। इस मामले में 27 सुनवाइयां हुई और 16 में से सिर्फ 3 गवाहों की ही अब तक गवाही हो पाई है।
सरकारी वकील नहीं दे पाए ठोस जवाब
अदालत ने पाया कि पुलिस अधिकारियों की ओर से न्यायिक आदेशों की लगातार अनदेखी की गई है और यह एक स्पष्ट पैटर्न बन चुका है। यह लापरवाही उस विभाग की ओर से हो रही है जिसे कानून-व्यवस्था की रक्षा के लिए नियुक्त किया गया है। कोर्ट ने कहा कि यह रवैया न केवल चिंताजनक है, बल्कि अस्वीकार्य भी है। राज्य की ओर से पेश सरकारी वकील अदालत को कोई ठोस जवाब नहीं दे सका कि गवाहों की अनुपस्थिति क्यों हो रही है। कोर्ट ने राज्य के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि भविष्य में गवाह उपस्थित होंगे, यह कहते हुए कि अब तक का रिकॉर्ड भरोसे के लायक नहीं है।