मुद्दे की बात : मान ने बयान पर बीजेपी में क्यों मचा है घमासान ?

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पंजाब के सीएम के बयान पर भाजपा के साथ केंद्र सरकार को क्यों देनी पड़ रही सफाई !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन-जिन देशों की यात्रा पर गए थे, उनकी आबादी से ज़्यादा यहां लोग जेसीबी की खुदाई देखने के लिए जुट जाते हैं। यह करारा तंज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दो दिन पहले प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान किया था। इसके बाद देश के सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी में हलचल मची है। देश-विदेश के मीडिया में मान का बयान और बीजेपी की प्रतिक्रिया सुर्खियों में है।

मान के इस बयान के कुछ घंटों बाद ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने बिना नाम लिए इस टिप्पणी को ‘ग़ैर-ज़िम्मेदाराना और खेदजनक’ बता दिया था। सियासी-जानकारों की माने तो यह पंजाब के सीएम ही नहीं, आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी सियासी-उपलब्धि मानी जाएगी कि लोकसभा में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की बजाए बीजेपी व केंद्र सरकार को आप (मान) पर हमला करना पड़ा।

यहां बता दें कि हाल ही में मोदी घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया की यात्रा से लौटे हैं। भाजपा ने मान की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी कि वह मुख्यमंत्री बनने के बावजूद कॉमेडियन की भूमिका निभा रहे हैं। पार्टी ने उनके इस्तीफ़े की मांग भी की है। विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया और बीजेपी नेताओं के बयानों के बाद सीएम मान फिर पंजाब विधानसभा में भी इस विषय पर बोले। उन्होंने जेसीबी वाला बयान दोहराते कहा, मुझे हक़ नहीं है क्या कि मैं प्रधानमंत्री से विदेश नीति के बारे में पूछ सकूं। आप किन-किन देशों में जाते हो और बाद में क्या ये देश हमारा साथ देते हैं। पाकिस्तान के साथ संबंध ख़राब हुए तो एक भी देश ने आपका साथ दिया, तो फिर क्यों आधी दुनिया घूमते फिर रहे हो ? सीएम मान से पहले कांग्रेस भी प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं को लेकर सवाल उठा चुकी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा था कि अब शायद पीएम को मणिपुर जाने का समय मिल जाए।

पंजाब के सीएम मान तो यहीं नहीं रुके, दो दिन पहले प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पत्रकारों ने पंजाब में पानी की समस्या से जुड़ा सवाल किया तो उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज़ कसा। मान ने कहा, प्रधानमंत्री जी कहां गए, घाना गए, अब आ गए। चलो देश में वेलकम करेंगे उनका। पता नहीं कौन-कौन सी कंट्री जाते हैं। जहां 140 करोड़ लोग (भारतीय) रह रहे हैं, वहां रह नहीं रहे हैं। वो जिस कंट्री में जा रहे हैं, उसकी आबादी कितनी, दस हज़ार. वहां का सबसे बड़ा अवॉर्ड मिल गया। दस हज़ार लोग तो भाई साहब हमारे यहां जेसीबी देखने के लिए खड़े हो जाते हैं। मान ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले 11 साल से कोई प्रेस कॉन्फ़्रेंस नहीं की। जबकि वह खुद रोज़ तीन प्रेस कॉन्फ़्रेंस करते हैं। इससे पहले, कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने तंज किया था, भारत अपने सुपर प्रीमियम फ्रीक्वेंट फ्लायर प्रधानमंत्री का स्वागत करता है, जो शायद अगली विदेश यात्रा से पहले तीन हफ़्ते देश में रहेंगे। अब शायद उन्हें मणिपुर जाने का समय मिल जाए, जहां लोग दो साल से अधिक समय से उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।

दूसरी तरफ, मीडिया के सवालों पर विदेश मंत्रालय ने भगवंत मान के बयान पर प्रतिक्रिया दी। हालांकि उनका नाम लिए बगैर मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमने भारत के ग्लोबल साउथ के मित्र देशों के साथ संबंधों को लेकर कुछ टिप्पणियां देखी हैं। जो ग़ैर-ज़िम्मेदाराना और खेदजनक हैं, और उस पद की गरिमा के अनुरूप नहीं हैं। भारत सरकार ऐसी अनुचित टिप्पणियों से खुद को अलग करती है, जो भारत और उसके मित्र देशों के रिश्तों को कमज़ोर करती हैं। वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, प्रधानमंत्री का दौरा ऐसे देशों में हुआ, जहां भारत को बहुत सम्मान मिला व उसकी नीतियों पर मुहर लगी। यह देश के लिए बहुत बड़ी बात है। भगवंत मान कॉमेडियन थे और अभी तक हैं। उनको अब तक यह नहीं समझ आया कि मुख्यमंत्री पद पर कॉमेडी नहीं होती। कॉमेडी करते उन्हें देश को अपमानित करने का अधिकार कैसे मिल गया ? इस तरह की भाषा के लिए देश उन्हें कभी क्षमा नहीं करेगा। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा है कि भगवंत मान को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए और तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए।

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