टेरर फंडिंग में सोशल मीडिया, क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन मार्केटप्लेस के जरिए धन एकत्रित होने का एफएटीएफ रिपोर्ट में खुलासा
आतंकवाद को जड़ से मिटाने उसके वित्तपोषण को रोकने का स्थाई समाधान ढूंढना वर्तमान समय की मांग-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर पूरी दुनियाँ आतंकवाद के दंश से पीड़ित है, दुनियाँ के करीब- करीब हर देश में किसी ने किसी रूप या भेष में आतंकवाद सर उठाए खड़ा है जो उसे देश की उन्नति प्रगति व विकास में बाधा उत्पन्न कर रहा है,मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र यह मानता हूं कि हर देश की प्राथमिकता अपने देश में लॉ एंड ऑर्डर कायम रखकर अपने देश के नागरिकों का जीवन भय मुक्त बनानाहै,इसीलिए हर देश को आतंकवाद समाप्त करने में योगदान देना जरूरी है। भारत भी उन पीड़ित देशों में से एक है, लेकिन अब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ा जनजागरण अभियान छेड़ दिया है, व घोषणा कर दी है कि आतंकवाद व उनके आकाओं में अब हम फर्क नहीं समझेंगे, वैश्विक स्तरपर आतंकवाद पूरी दुनियाँ के हर देश के लिए गंभीर समस्या बन चुका है,तो उसका पर्याय भ्रष्टाचार भी एक गंभीर समस्या है,क्योंकि यह दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, आतंकवाद को वित्त पोषण भी एक भ्रष्टाचार का ही रूप है, जिसक़े सहयोग से आतंकवाद उत्पन्न होता है और फलता फूलता है,यानें अस्तित्व में आता है। वैसे तो दशकों से आतंकवाद व भ्रष्टाचार का चोली दामन का साथ है, क्योंकि वित्त पोषण यानें भ्रष्टाचार नहीं होगा तो, आतंकवाद पनपता ही नहीं। वैसे तो आतंकवादियों द्वारा बड़ी-बड़ी घटनाएं धमाकों को अंजाम दिया गया है, जिसमें हजारों लाखों लोगों की जान चली गई है, जिसके अनेक उदाहरण है जिसका अभी सटीक उदाहरण भारत में 22 अप्रैल 2025 को दुखदपूर्ण हादसा फिर देखने को मिला जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई।चूँकि एफएटीएफ ने ‘कम्प्रेहैन्सिव अपडेट ऑन टेररिस्ट फाइनेंसिंग रिस्क्स’ रिपोर्ट जारी की इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल का माध्यम से चर्चा करेंगे टेरर फंडिंग में सोशल मीडिया,क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन मार्केटप्लेस के जरिए धन एकत्रित होने का एफएटीएफ रिपोर्ट में खुलासा है आतंकवाद को जड़ से मिटाने उसके वित्तपोषण को रोकने का स्थाई समाधान ढूंढना वर्तमान समय की मांग।
साथियों बात अगर हम अभी एक दिन पूर्व एफएटीएफ द्वारा जारी रिपोर्ट में नई आधुनिक डिजिटल पद्धतियों डिजिटल सोशल ऑनलाइन मार्केटिंग का प्रयोग आतंकी टेरर फंडिंग में होने की करें तो,यह रिपोर्ट दर्शाती है कि आतंकवादी संगठन अब भी अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग करके अपने कृत्यों को अंजाम दे रहे हैं और हमलों की योजना बना रहे हैं जिसमें आतंकवाद के वित्त- पोषण को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक:(1) अकेले सक्रिय आतंकवादी और न्यूनतम वित्त- पोषण की आवश्यकता वाले छोटे संगठन;(2)अफ्रीका और दक्षिण एशिया में असुरक्षित एवं छिद्रिल सीमाएं;(3)आतंकवाद को कुछ देशों द्वारा दिया जा रहा राज्य-स्तरीय समर्थन(4) मुक्त व्यापार क्षेत्र की कमजोर निगरानी व नियमों की कमी आदि। आतंकवाद के वित्त- पोषण के माध्यम पारंपरिक तरीके अपने जा रहे हैं,अल- शबाब और हमास जैसे समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले नकदआधारित लेन-देन,हवाला एवं अन्य अनौपचारिक तरीके, जिनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है। वर्तमान आधुनिक युग में नई पद्धतियां अपना जा रही है,जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म: सोशल मीडिया,क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन मार्केटप्लेस के जरिए धन एकत्रित करना;बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी का उपयोग करना; ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से फंड ट्रांसफर करना आदि।आपराधिक गतिविधियां:जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, मादक पदार्थों की तस्करी, और बोको हरम जैसे समूहों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों (जैसे- सोना, लकड़ी आदि) का अवैध व्यापार।गैर -लाभकारी और कानूनी संस्थाओं का दुरुपयोग:फ्रंट कंपनियों और शेल कंपनियों के जरिए धन छिपाना;गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) से फंड को डाइवर्ट कर आतंकी गतिविधियों में लगाना आदि। आतंकवाद के वित्त-पोषण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें:जोखिम संकेतकों की पहचान करना जैसे- बार-बार उच्च जोखिम वाले देशों को धन अंतरण, वर्चुअल असेट्स और प्रीपेड कार्ड जैसे गुमनामी बढ़ाने वाले उपकरणों का उपयोग आदि की निगरानी करनी चाहिए। संगठित बहुपक्षीय प्रतिक्रिया: आतंकवाद के वित्त-पोषण की अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एफएटीएफ प्रतिबंधों के तहत आतंकवादी संगठनों को बहुपक्षीय रूप से सूचीबद्ध करना चाहिए।मानकों से बाहर के क्षेत्रों तक पहुंच: सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स से उत्पन्न खतरों को बेहतर ढंग से समझने तथा उनसे निपटने के लिए लक्षित सार्वजनिक – निजी साझेदारी विकसित करनी चाहिए,यह रिपोर्ट दर्शाती है कि आतंकवादी संगठन अब भी अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग करके अपने कृत्यों को अंजाम दे रहे हैं और हमलों की योजना बना रहे हैं।आतंकवाद के वित्त- पोषण को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक:अकेले सक्रिय आतंकवादी और न्यूनतम वित्त- पोषण की आवश्यकता वाले छोटे संगठन;अफ्रीका और दक्षिण एशिया में असुरक्षित एवं छिद्रिल सीमाएं;आतंकवाद को कुछ देशों द्वारा दिया जा रहा राज्य-स्तरीय समर्थन;मुक्त व्यापार क्षेत्र की कमजोरनिगरानी व नियमों की कमी आदि।आतंकवाद के वित्त-पोषण के माध्यम पारंपरिक तरीके: अल- शबाब और हमास जैसे समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले नकद आधारित लेन-देन, हवाला एवं अन्य अनौपचारिक तरीके, जिनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।नई पद्धतियां:डिजिटल प्लेटफॉर्म:सोशल मीडिया, क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन मार्केटप्लेस के जरिए धन एकत्रित करना; बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी का उपयोग करना; ओँनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से फंड ट्रांसफर करना आदि।आपराधिक गतिविधियां:जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, मादक पदार्थों की तस्करी, और बोको हरम जैसे समूहों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों (जैसे- सोना, लकड़ी आदि) का अवैध व्यापार।गैर-लाभकारी और कानूनी संस्थाओं का दुरुपयोग:फ्रंट कंपनियों और शेल कंपनियों के जरिए धन छिपाना;गैर-सरकारी संगठनों से फंड को डाइवर्ट कर आतंकी गतिविधियों में लगाना आदि।आतंकवाद के वित्त- पोषणको रोकने के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें: जोखिम संकेतकों की पहचान करना: जैसे- बार-बार उच्च जोखिम वाले देशों को धन अंतरण, वर्चुअल असेट्स और प्रीपेड कार्ड जैसे गुमनामी बढ़ाने वाले उपकरणों का उपयोग आदि की निगरानी करनी चाहिए।संगठित बहुपक्षीय प्रतिक्रिया:आतंकवाद के वित्त-पोषण की अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंधों के तहत आतंकवादी संगठनों को बहुपक्षीय रूप से सूचीबद्ध करना चाहिए।एफएटीएफ मानकों से बाहर के क्षेत्रों तक पहुंच: सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स से उत्पन्न खतरों को बेहतर ढंग से समझने तथा उनसे निपटने के लिए लक्षित सार्वजनिक-निजी साझेदारी विकसित करनी चाहिए।
साथियों बात अगर हम आतंकवाद को समाप्त करने की करें तो जब तक उसके फलने फूलने के रास्तों को ढूंढ कर उन्हें नष्ट नहीं करेंगे, तब तक यह समस्या यूं ही फलती फूलती रहेगी और मुंह फाड़े नुकसान पहुंचाती रहेगी इसलिए इसकी सबसे महत्वपूर्ण जड़ कोई है तो वह टेरर कैंप,डर्टी माइंड,ब्रेनवाश, बेरोजगारी, हेट स्पीच जैसी अनेकों जड़े हैं और इन जड़ों के पनपने का एक महत्वपूर्ण रास्ता है वित्तपोषण याने टेरर फंडिंग इसलिए यदि इसकी इस मूल जड़ को ही काटा जाए तो इसके सहभागी जड़ों पर अपने आप विपरीत प्रभाव पड़ जाएगा और समाप्ति की ओर कदम बढ़ जाएंगे इसलिए नो मनी फॉर टेरर पर वैश्विक एकता बनाकर कार्य योजना तैयार कर उसे सख्ती से क्रियान्वयन करने का की आवश्यकता को रेखांकित करना वर्तमान समय की मांग है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि टेरर फंडिंग का खुलासा- एफएटीएफ ने ‘कम्प्रेहैन्सिव अपडेट ऑन टेररिस्ट फाइनेंसिंग रिस्क्स’ रिपोर्ट जारी की,टेरर फंडिंग में सोशल मीडिया, क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन मार्केटप्लेस के जरिए धन एकत्रित होने काएफएटीएफ रिपोर्ट में खुलासाकिया है आतंकवाद को जड़ से मिटाने उसके वित्तपोषण को रोकने का स्थाई समाधान ढूंढना वर्तमान समय की मांग है।
*-संकलनकर्ता लेखक-क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र *