विभाग ने कार्रवाई की जगह अधिकारी की कर डाली प्रमोशन
लुधियाना 2 जून। पंजाब स्टेट पावरकॉम कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के अधिकारियों की मिलीभगत के चर्चे अब शहर में होने शुरु हो चुके हैं। अधिकारियों द्वारा किसी छोटे-मोटे नहीं बल्कि सीधे इंटरनेशनल कंपनी से ही फ्रॉड करने का प्रयास किया। दरअसल, पीएसपीसीएल के आर.ए. राजिंद्रपाल शर्मा की और से अपनी सेटिंग के बाद प्वेलियन मॉल का बिजली मीटर बिना किसी दस्तावेज व अधिकारियों की परमीशन के दूसरी कंपनी को ट्रांसफर कर दिया। लेकिन जब इस मामले का खुलासा हुआ तो आन्नफान्न में मीटर वापिस इंटरनेशनल कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि विभाग द्वारा आर.ए. राजिंद्रपाल शर्मा पर कार्रवाई करने की जगह उल्ट उसकी प्रमोशन कर डाली। चर्चा है कि इस मीटर ट्रांसफर में मोटी रकम रिश्वत के तौर पर ली गई है। क्योंकि एक इंटरनेशनल कंपनी के बिजली मीटर की ट्रांसफर ऐसे नहीं हो सकती थी। लेकिन अब यह आना वाला समय ही बताएगा कि इस रिश्वत के खेल में कौन कौन शामिल है।
भारती रिटेल के नाम पर है बिजली मीटर
दरअसल, प्वेलियन मॉल एयरटेल की भारती रिटेल कंपनी के नाम पर है। लेकिन मॉल सेल होने के बाद अब उक्त मीटर को रोस्ट्रम रियालिटीज कंपनी के नाम पर ट्रांसफर किया जाना है। लेकिन आर.ए. राजिंद्रपाल शर्मा द्वारा बिना कोई दस्तावेज लिए सीधे ही मीटर को रोस्ट्रम रियालिटीज के नाम पर ट्रांसफर कर दिया।
शोर पड़ने पर मीटर किया ट्रांसफर
चर्चा है कि जब इस मीटर ट्रांसफर घोटाले का पता चला तो पीएसपीसीएल के उच्च अधिकारियों द्वारा पांच मई को आर.ए. राजिंद्रपाल शर्मा को ट्रांसफर कर दिया गया, ताकि अगर ज्यादा विवाद हो तो वे कह सके कि अधिकारी ट्रांसफर कर दी है। जबकि सात मई को भारती रिटेल द्वारा इस मामले को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया गया। जिसके बाद 10 मई को यह मीटर दोबारा से भारती रिटेल के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया।
लोगों को लगते हैं साल, यहां रिश्वत लेकर दिनों में हुआ ट्रांसफर
वहीं लोगों में चर्चा है कि अगर किसी आम व्यक्ति को मीटर एक नाम से दूसरे नाम पर ट्रांसफर करवाना हो तो उसे सालों लग जाते हैं। लेकिन यहां पर रिश्वत लेकर कुछ दिनों में ही इंटरनेशनल कंपनी का मीटर ट्रांसफर कर डाला। जबकि शोर पड़ने पर दोबारा से उसकी ट्रांसफर कर दी गई। इस मामले के खुलासे के बाद लोग भी हैरान है।
आर.ए. को तरक्की देकर बनाया डब्बल आर.ओ.
वहीं हैरानी की बात तो यह है कि घोटाले में फंसने के बाद अधिकारी पर एक्शन होता है। लेकिन यह पंजाब का पहला मामला है, जहां अवैध काम करने पर प्रमोशन दी गई है। वहीं आर.ए. राजिंद्रपाल शर्मा को पहले तो ट्रांसफर कर दिया, फिर जब मामला शांत हुआ तो उसे प्रमोशन देकर डब्बल आरओ बना दिया गया। अब देखना होगा कि पंजाब सरकार द्वारा इस मामले में क्या एक्शन लिया जाता है।