चंडीगढ़, 1 जुलाई : पंजाब ने नये कीर्तिमान स्थापित करते हुये जून 2025 के लिए शुद्ध जीएसटी प्राप्ति में रिकार्ड तोड़ 44.44 प्रतिशत विस्तार और वित्तीय साल 2025-26 की पहली तिमाही के लिए 27.01 प्रतिशत का विस्तार दर्ज किया है, जो कि राज्य के इतिहास में किसी वित्तीय तिमाही के दौरान और जून महीने के लिए अब तक का दर्ज किया गया सबसे अधिक जी. एस. टी राजस्व विस्तार है।
पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने यह प्रगटावा राज्य के शीर्ष के पाँच टैक्सदाताओं को राज्य के आर्थिक विकास और राजस्व उत्पादन में उनके मिसाली योगदान के लिए सम्मानित करने के बाद एक प्रैस कान्फ़्रेंस को संबोधन करते हुये किया। सम्मानित किये गए करदाताओं में अम्बूजा सीमेंट से आशु अग्निहोत्री, एच. पी. सी. एल- मित्तल एनर्जी लिमटिड ( एच. एम. ई. एल) से संजय मल्होत्रा, सैमसंग इंडिया प्राईवेट लिमटिड से चमन लाल शर्मा, टाटा स्टील से अंकुश शर्मा और दादा मोटरज़ से नितिन दादा शामिल हैं। वित्त मंत्री ने उनके योगदान की सराहना करते हुये समावेशी विकास और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में ज़िम्मेदार टैक्सदाताओं की महत्ता पर ज़ोर दिया।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, जिनके साथ इस मौके पर सचिव टैक्सेशन अजीत बालाजी जोशी और आबकारी और कर कमिश्नर जतिन्दर जोरवाल भी हाजिर थे, ने बताया कि पंजाब ने जीएसटी विकास में राष्ट्रीय औसत को पीछे छोड़ दिया है और सरहदी तनाव समेत राष्ट्रीय और भू-राजनैतिक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद टैक्स जुटाने में अपने आप को सर्वाेच्च प्रदर्शन करने वाले राज्यों में मज़बूती से स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि जून 2025 के लिए शुद्ध जीएसटी प्राप्ति 2379.90 करोड़ रुपए रही, जो कि जून 2024 में प्राप्त हुए 1647. 69 करोड़ रुपए के मुकाबले 732. 21 करोड़ रुपए के शानदार राजस्व वृद्धि को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले अप्रैल में 15.35 प्रतिशत और मई में 24.59 प्रतिशत के प्रति महीना शुद्ध विकास रूझानों स्वरूप मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव के बावजूद वित्तीय साल 2025- 26 की पहली तिमाही के दौरान शुद्ध जीएसटी प्राप्तियाँ 6830.40 करोड़ रुपए तक पहुँच गई। उन्होंने कहा वित्तीय साल 2024- 25 की पहली तिमाही के दौरान प्राप्ति 5377.75 करोड़ रुपए के राजस्व स्वरूप दर्ज की गई 6.41 प्रतिशत विकास दर के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष के पहली तिमाही के दौरान चार गुणा से अधिक विकास दर हासिल हुयी है।
वित्त मंत्री ने पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों पर भी तीखा हमला करते हुये टैक्स चोरी को रोकने और राज्य की वित्तीय सेहत को बेहतर बनाने में उनकी असफलता को उजागर किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने महीना- दर- महीना और साल- दर- साल निरंतर विकास को यकीनी बनाया है। उन्होंने वित्तीय साल 2022-23 में 16.25 प्रतिशत, वित्तीय साल 2023-24 में 15.51 प्रतिशत और वित्तीय साल 2024-25 में 12.84 प्रतिशत की जीएसटी संग्रह विकास दर का जिक्र किया, जिससे तीन सालों में कुल 62,733 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसके उलट, वित्तीय साल 2018-19 से वित्तीय साल 2021-22 तक कांग्रेस के शासन के दौरान राज्य ने सिर्फ़ 55,146 करोड़ रुपए इकठ्ठा किये। इसी तरह, अकाली- भाजपा सरकार के दौरान राज्य में वित्तीय साल 2014-15 और वित्तीय साल 2015-16 के दौरान वेट और सी. एस. टी प्राप्ति में क्रमवार सिर्फ़ 4.57 प्रतिशत और 2.67 प्रतिशत विस्तार हुआ। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आप सरकार ने तीन सालों में ही कांग्रेस सरकार द्वारा अपने पूरे पाँच सालों में प्राप्त किये गए जी. एस. टी. राजस्व की अपेक्षा अधिक राजस्व प्राप्त कर लिया है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि पिछली कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार राज्य के राजस्व के लिए भविष्य की कोई योजना बनाने की जगह 30,070 करोड़ रुपए के प्राप्त हुए जी. एस. टी मुआवज़े पर ही निर्भर रही। उन्होंने कहा कि इसके उलट आम आदमी पार्टी की सरकार ने टैक्स चोरी को घटाने और राज्य की वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित रखने के लिए फील्ड इंफोर्समैंट, टारगेटड डाटा-आधारित निरीक्षण और कर पालना में सुधार लाने के लिए काम किया।
हालिया इंफोर्समैंट गतिविधियों के विवरणों का खुलासा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि स्टेट इंटेलिजेंस एंड प्रीवैंटिव यूनिट (एस. आई. पी. यू) ने एक अकाउँटैंट द्वारा चलाए जा रहे जी. एस. टी धोखाधड़ी सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है जिसकी तरफ से जाली बिलिंग और आई. टी. सी धोखाधड़ी के लिए 20 जाली फर्में बनाईं और चलाईं जा रही थीं। प्राथमिक जांच में 866.67 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी वाले लेन-देन का पता चला है, जिससे 157.22 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी होने का अनुमान है। इसके इलावा, विभाग ने एक बड़े जीएसटी चोरी घोटाले का पर्दाफाश किया है जिसमें मैसर्ज माँ दुर्गा रोडलाईनज़, जोकि एक ट्रांसपोर्टर के तौर पर रजिस्टर्ड है, 168 करोड़ रुपए के जाली ई-वे बिल बनाने और असीमित सामान की ढुलाइ में शामिल पाया गया, जिसमें 30.66 करोड़ रुपए की कर देनदारी शामिल है।
मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य को वित्तीय साल 2025- 26 में पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस का नेतृत्व वाली राज्य सरकारों द्वारा लिए गए और मौजूदा सरकार को विरासत में मिले कर्ज़े पर 25, 000 करोड़ रुपए के ब्याज भुगतान और 18, 200 करोड़ रुपए के मूल भुगतान करने हैं, जबकि भारत सरकार द्वारा 13,000 करोड़ रुपए की कटौती के बावजूद, 49,900 करोड़ रुपए उधार लेने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मौजूदा वित्तीय साल की दूसरी तिमाही में विरासत में मिले कर्ज़े के लिए 3500 करोड़ रुपए से अधिक के मुक्ति फर्जों को पूरा करने के लिए 8500 करोड़ रुपए उधार लेने की योजना बना रही है।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने यह कहते हुये समाप्ति की कि पंजाब का वित्तीय प्रबंधन मज़बूती से चल रहा है और राज्य सरकार अपनी कर्ज़ देनदारियों के प्रबंधन के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने हाल ही में गारंटी रीडैंपशन फंड ( जी. आर. एफ) और कंसोलीडेटिड सिंकिंग फंड (सी. एस. एफ) में 1000-1000 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिससे कंसोलीडेटिड सिंकिंग फंड में अब 10,000 करोड़ रुपए से अधिक है, जोकि मौजूदा सरकार के सत्ता संभालने समय पर सिर्फ़ 3000 करोड़ रुपए था।