लुधियाना वैस्ट उप चुनाव : आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ‘अघोषित’ डिप्टी सीएम, विपक्ष ‘बौना’ साबित करने की रणनीति !

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राज्यसभा सांसद अरोड़ा को कैंडिडेट बना आम आदमी पार्टी एक तीर से कर रही कई शिकार, बंपर घोषणाएं कर डालीं

लुधियाना 18 मार्च। अब एक बार फिर लुधियाना वैस्ट विधानसभा ‘हॉट-सीट’ बन चुकी है। अब आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले इस विस क्षेत्र के उप चुनाव में अपना उम्मीदवार संजीव अरोड़ा को घोषित किया। जो पार्टी के राज्यसभा सांसद होने के साथ जाने-माने उद्योगपति हैं। उनके हक में प्रचार के लिए आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान यहां दौरे पर हैं। आप के दोनों दिग्गज अरोड़ा के हक में प्रचार मुहिम के दौरान लगातार विकास की बंपर घोषणाएं कर रहे हैं। ऐसे में चर्चाएं शुरु हो गई हैं कि विधायक बनने के बाद अरोड़ा को डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है।

विपक्ष पर दबाव बना रही आप !

चर्चाओं के मुताबिक आप उम्मीदवार अरोड़ा के हक में लगातार प्रचार के दौरान पार्टी सुप्रीमो केजरीवाल और सीएम मान सोची-समझी रणनीति अपना रहे हैं। जिसके तहत वे सियासी-दांव चल रहे हैं, ताकि विपक्षी दलों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना सकें। इसीलिए एकाएक अरोड़ा का सियासी-कद इतना बढ़ाया जा रहा है कि विपक्ष उनके सामने ‘बौना’ साबित हो जाए। सियासी-जानकारों की मानें तो आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा का सियासी-कद बढ़ाकर पार्टी दरअसल विपक्षी दलों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना रही है।

अरोड़ा पर क्यों खेला दांव :

सियासी जानकारों की मानें तो राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार बनाकर आप ने एक तीर से कई शिकार करने वाला दांव चला है। अगर अरोड़ा विस चुनाव जीत जाते हैं तो इंडस्ट्रियल सिटी लुधियाना से उनको कैबिनेट मंत्री बनाकर शहरियों को खुश किया जा सकता है। साथ ही राज्यसभा सीट खाली होने पर आप सुप्रीमो केजरीवाल उनकी जगह संसद में आसानी से एंट्री कर सकेंगे। इसके साथ ही चर्चा तो यहां तक है कि इंडस्ट्री में गहरी पैठ रखने वाले अरोड़ा को डिप्टी सीएम जैसे पद से नवाज कर लुधियानवियों के साथ ही उद्यमियों को भी खुश किया जा सकता है।

आशु कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित नहीं हुए,

इसके बावजूद आप के सियासी हमले शुरु

सबसे दिलचस्प पहलू है कि पंजाब की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सूबे के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को अभी तक इस हल्के से उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। हालांकि वह लगातार दो बार लुधियाना वैस्ट से कांग्रेसी विधायक बन कैबिनेट मंत्री रहे हैं। उनके उम्मीदवार घोषित ना होने के बावजूद सीएम भगवंत मान ने इस दौरान उन पर जोरदार सियासी हमले किए। ऐसे में कहीं ना कहीं, इसे सत्ताधारी आम आदमी पार्टी में आशु का खौफ कायम होने के तौर पर भी देखा जा रहा है।

कांग्रेसियों की ‘चुप्पी’ पर भी चर्चाएं :

पंजाब कांग्रेस के एक्टिंग-प्रेसिडेंट और सूबे के दिग्गज नेता आशु पर आप के सियासी-हमलों पर पार्टी में ‘चुप्पी’ पर भी चर्चाएं हो रही हैं। कांग्रेसी वर्कर ही हैरानी जता रहे हैं कि पार्टी के दिग्गज नेता पर सत्ता पक्ष के हमलों के बावजूद हाईकमान तक खामोश क्यों है ? पार्टी के जिला प्रधान संजय तलवार से लेकर प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई। हालांकि ऐसे सियासी-हालात में अलग-थलग नजर आ रहे आशु इसके बावजूद सत्ता से टकराने का दम भर रहे हैं। वह पूरे दमखम से खुद को एक बार फिर इसी सीट से उम्मीदवार मान रहे हैं। उनकी इसी खासियत की वजह से कहीं ना कहीं, आप खेमे में बेचैनी बताई जा रही है।

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