चिंताजनक : चंडीगढ़ में पानी-बिलिंग में करोड़ों का घाटा

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बड़ा संकट : दो साल से पार्किंग नीलामी नहीं, 33.34 करोड़ किलोलीटर जल का हिसाब बकाया

चंडीगढ़ 16 मार्च। सिटी ब्यूटीफुल में नगर निगम पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है। अब पता चला कि इसकी मौजूदा हालत के लिए खुद नगर निगम प्रशासन ही  जिम्मेदार है। दरअसल निगम को मुख्य रूप से पानी और पार्किंग से कमाई होती थी, लेकिन पिछले दो सालों से पार्किंग की नीलामी नहीं हुई है।

जानकारी के मुताबिक इसके अलावा, अब ऑडिट जनरल ने नगर निगम को सप्लाई होने वाले पानी और उसकी बिलिंग में भारी अंतर पाया है। जिससे निगम को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक 33 करोड़ 34 लाख 55 हजार 8 किलोलीटर पानी की बिलिंग दर्ज नहीं की गई। सवाल यह उठ रहा है कि इतना पानी आखिर कहां गया। इसका हिसाब नगर निगम से मांगा गया है। रिपोर्ट में साफ किया गया है कि चंडीगढ़ को मिलने वाले नहरी पानी की स्टोरेज, वितरण और बिलिंग की जिम्मेदारी नगर निगम की है लेकिन इसमें कई खामियां पाई गई हैं।

इस मुद्दे पर मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि नगर निगम को हो रहे इस भारी वित्तीय नुकसान को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस मामले में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। कमिश्नर से बात करूंगी और जांच करा निगम को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी।

काबिलेजिक्र है कि नगर निगम ने 2022 से 2024 तक कुल 19 करोड़ 80 लाख 54 हजार 184.1 किलोलीटर पानी का वितरण किया था। हालांकि इसकी बिलिंग मात्र 16 करोड़ 47 लाख 08 हजार 678 किलोलीटर की हुई। ऑडिट रिपोर्ट के बाद यह साफ हो गया है कि या तो पानी चोरी हो रहा है, बेवजह बह रहा है, या फिर निगम कर्मियों की लापरवाही और मिलीभगत से यह सब हो रहा है। अब इसे लेकर सियासी हल्कों के अलावा आम लोगों में चर्चाएं जारी हैं।

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