पंजाब 13 मार्च। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने नाराज चल रहे बिक्रम सिंह मजीठिया को मनाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। पिछले सोमवार को कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ और पूर्व विधायक विरसा सिंह वल्टोहा नाराज चल रहे बिक्रम सिंह मजीठिया के चंडीगढ़ स्थित घर पहुंचे, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। विरसा सिंह वल्टोहा का कहना है कि गुस्से और नाराजगी से पैदा हुई दरार को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वल्टोहा ने बताया कि वह और बलविंदर भूंदड़ बिक्रम मजीठिया से मिलने गए थे। उन्होंने उनकी पत्नी गनीव मजीठिया से मुलाकात की, लेकिन मजीठिया से मुलाकात नहीं हो पाई, जो अपने वकील से मिलने गए थे। कार्यकारी अध्यक्ष भूंदड़ ने भी कुछ देर इंतजार किया, लेकिन एक जरूरी फोन आने के बाद उन्हें वहां से जाना पड़ा। इस मुलाकात को सुखबीर सिंह बादल और मजीठिया के बीच बढ़ती दरार को कम करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
SAD और SGPC के फैसले पर विवाद
यह विवाद तब शुरू हुआ जब मजीठिया ने 7 मार्च को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह और केसगढ़ साहिब के जत्थेदार सुल्तान सिंह को हटाने के फैसले से खुद को अलग कर लिया। इसके बाद, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष भूंदड़ ने उन पर “पीठ में छुरा घोंपने” का आरोप लगाया। मजीठिया ने एक साझा बयान में कहा था ” एसजीपीसी का यह फैसला सिख संगत और हमारे लिए बहुत आहत करने वाला है। गुरु साहिब जी ने संगत को दिव्य दर्जा दिया है, और संगत की भावनाओं को देखते हुए हम इस फैसले से सहमत नहीं हो सकते।”