पंजाब 10 मार्च। पंजाब सरकार नशा तस्करों के खिलाफ एक्शन मोड में है। इसी कड़ी में 10 मार्च को बरनाला में 2 महिला नशा तस्करों के घरों को बुलडोजर से तोड़ दिया गया। दोनों पर एनडीपीएस एक्ट के तहत करीब 16 केस दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि गिराई गई बिल्डिंग खाली थी। सरकार की नशा मुक्ति मुहिम पर नजर रखने के लिए गठित हाई-पावर कमेटी के सदस्य के रूप में वह सिविल अस्पताल की औचक जांच करेंगे और जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेंगे। हालांकि, पंजाब सरकार द्वारा नशे के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर उठ रहे सवालों के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने दावा किया कि इस महामारी से निपटने के लिए आगामी बजट में विशेष प्रावधान किया जाएगा।
अकाली-भाजपा सरकार के समय आया ‘चिट्टा’
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि पंजाब में नशीली दवाओं की महामारी के लिए शिरोमणि अकाली दल (शिअद)-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस सरकार जिम्मेदार हैं। 2007 से पहले पंजाब ने हेरोइन या ‘चिट्टा’ जैसी सिंथेटिक दवाओं के बारे में कभी नहीं सुना था। अकाली-भाजपा शासन के दौरान इन दवाओं ने पंजाब में प्रवेश किया और हमारे युवाओं को बर्बाद कर दिया। चीमा ने आरोप लगाया कि नौकरियां और अवसर प्रदान करने के बजाय इन दलों ने पंजाब की युवा पीढ़ी को नशे की लत में धकेलने की साजिश रची। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2017 में झूठी शपथ ली थी और चार सप्ताह में नशा खत्म करने का वादा किया था।