मकसद, ताकि स्ट्रीट वैंडर दूसरे एरिया में ना जा सकें, ट्रैक होगी उनकी लोकेशन
चंडीगढ़ 6 मार्च। सिटी ब्यूटीफुल में नगर निगम ने स्ट्रीट वेंडरों पर शिकंजा कसने का हाई-टेक तरीका निकाला है। अब उनके लाइसेंस को आधार कार्ड से जोड़ने और जिओ फेंसिंग के जरिए लोकेशन ट्रैक करने की प्लानिंग है।
जानकारी के मुताबिक इसके लिए निगम ने आईटी मंत्रालय को पत्र लिखा है। इससे फर्जी लाइसेंस की आसानी से पहचान हो सकेगी और अवैध वेंडरों की दुकानदारी बंद होगी। दरअसल निगम को शिकायत मिल रही थी कि कई वेंडर एक ही लाइसेंस का उपयोग कर रहे हैं। कुछ लाइसेंस के कलर फोटोस्टेट कराकर दूसरे एरिया में भी दुकानें लगा रहे हैं। इसके अलावा कुछ वेंडर अपने क्षेत्र से बाहर अवैध तौर पर दुकान लगा रहे हैं। इससे शहर में अतिक्रमण और अव्यवस्थाएं बढ़ रही थीं।
इस पर रोक लगाने के लिए निगम अब ठोस कदम उठा रही है। इसके अलावा वेंडरों को फेस रिकग्निशन तकनीक से भी जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। ताकि उनकी पहचान डिजिटल रूप से सुरक्षित रहे। पीएम स्वनिधि योजना की प्रगति के संबंध में पिछले साल केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी इस पर काम करने के निर्देश दिए गए थे। नए नियमों के तहत स्ट्रीट वेंडरों को तय क्षेत्र में ही व्यापार करने की अनुमति होगी। इसके लिए जिओ फेंसिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तकनीक जीपीएस के माध्यम से वेंडरों की लोकेशन ट्रैक करेगी। यदि कोई वेंडर तय क्षेत्र से बाहर दुकान लगाने का प्रयास करेगा तो उसकी पहचान तुरंत सिस्टम में आ जाएगी और उसके खिलाफ इंफोर्समेंट विंग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी।
आधार और फेस रिकग्निशन तकनीक से हर वेंडर की सटीक पहचान दर्ज होगी और एक लाइसेंस पर एक ही व्यक्ति को दुकान लगाने की अनुमति मिलेगी। इससे अनधिकृत वेंडरों पर लगाम लगेगी और अवैध कब्जों की समस्या का समाधान भी होगा। बताते हैं कि कुछ मेन सैक्टर में अवैध वेंडरों की समस्या ज्यादा है। निगम में 10,920 वेंडर पंजीकृत हैं, लेकिन करीब तीन हजार वेंडर ही हर माह लाइसेंस फीस जमा करा रहे हैं। निगम ने करीब चार हजार वेंडरों का लाइसेंस रद भी किए हैं।
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