पंजाब कैबिनेट ने लिए बड़े फैसले, नई लैंड पूलिंग नीति को मिली हरी झंडी

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यह स्कीम मुख्य रूप से किसानों के हितों की रक्षा और भू-माफिया से निपटने के लिए है – अरोड़ा

नवीन गोगना

चंडीगढ़ 2 जून। सीएम भगवंत मान की अगुवाई में सोमवार को पंजाब कैबिनेट की अहम बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। इस बीच, भूमि पूलिंग नीति को मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि सरकार की नई लैंड पूलिंग नीति मुख्य रूप से किसानों के हितों की रक्षा और भू-माफिया से निपटने के लिए तैयार की गई है। यह नीति पूरी तरह से स्वैच्छिक भागीदारी पर आधारित है, जहां किसान अपनी मर्जी से जमीन देने या न देने का फैसला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी किसान से जबरन जमीन नहीं ली जाएगी। जमीन देने या न देने का निर्णय पूरी तरह किसान के विवेक पर होगा। सरकार जमीन देने वाले किसान को पूर्ण विकसित आवासीय (1,000 वर्ग गज) और व्यावसायिक (200 वर्ग गज) भूखंड लौटाएगी, जिसमें सड़क, बिजली, पानी, सीवरेज, पार्क आदि सभी सुविधाएं होंगी। किसान अपनी पुनः प्राप्त भूमि/भूखंड को रख सकते हैं, बेच सकते हैं या किराए पर दे सकते हैं। हर सौदे में लिखित गारंटी होगी, जिसमें किसान का हिस्सा स्पष्ट होगा। यदि कई किसान एक साथ मिलकर बड़ी मात्रा में भूमि दान करते हैं, तो बदले में उन्हें सामूहिक रूप से विकसित भूमि प्राप्त होगी।

अवैध कॉलोनाइजरों व भू माफिया पर लगेगी लगाम

अरोड़ा ने कहा कि इस नीति से अवैध कॉलोनियों और भू-माफियाओं द्वारा की जा रही धोखाधड़ी और लूट पर रोक लगेगी। आपको बता दें कि कुछ किसान संगठनों और विपक्षी दलों ने भी इस नीति का विरोध किया है, क्योंकि उन्हें डर है कि शहरीकरण के लिए बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण से पंजाब की कृषि और खेती की पहचान को नुकसान पहुंच सकता है।