चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने 100 फ्लैट्स के बकाएदार मालिकों को भेजे नोटिस

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बकाएदारों ने नहीं चुकाई लाइसेंस फीस, पहले भी 15 फ्लैट्स किए जा चुके हैं रद

चंडीगढ़, 27 मई। ट्राईसिटी में हाउसिंग बोर्ड ने स्मॉल फ्लैट योजना के तहत बने फ्लैट्स के सौ से ज्यादा मालिकों को बेदखली के नोटिस भेजे हैं। इन्होंने कई साल से लाइसेंस फीस नहीं चुकाई तो बोर्ड को सख्त कदम उठाना पड़ा।

जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने बकाएदारों को चेतावनी दी है कि तय समय सीमा में जवाब और बकाया राशि जमा ना करने वालों के मकान जबरन खाली कराए जाएंगे। इन सभी अलॉटियों पर विभाग का लाखों रुपए बकाया है। बोर्ड की यह कार्रवाई हरियाणा हाउसिंग बोर्ड अधिनियम की धारा 51 (1) के तहत की जा रही है, जो चंडीगढ़ में लागू है। अधिकारियों के अनुसार, हर डिफॉल्टर को 14 दिन का कारण बताओ नोटिस भेजा गया है, जिसमें उनसे पूछा गया है कि क्यों ना उनके खिलाफ बेदखली की कार्रवाई की जाए।

बताते हैं कि जिन लोगों तक नोटिस नहीं पहुंचा, उनके फ्लैट के बाहर यह नोटिस चस्पा करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने वर्ष 2006 में स्मॉल फ्लैट योजना के तहत शहर की विभिन्न कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले गरीब परिवारों को लगभग 20 हजार फ्लैट आवंटित किए थे। इनमें से 18,138 फ्लैट केवल स्मॉल फ्लैट योजना के तहत दिए गए थे। जबकि करीब 2,000 फ्लैट किफायती किराया आवास योजना के तहत आवंटित किए गए थे।

आवंटन की शर्तों में यह साफ तौर पर लिखा था कि सभी अलॉटियों को हर महीने एक निर्धारित किश्त जमा करनी होगी। जिसकी शुरुआत न्यूनतम 800 रुपये से की गई थी और यह समय के साथ बढ़ती रही। साथ ही, शर्त थी कि ये फ्लैट ना तो बेचे जा सकते हैं और ना ही किराए पर दिए जा सकते हैं। बोर्ड ने वर्ष 2024 में भी कार्रवाई करते हुए ऐसे 15 फ्लैटों का लाइसेंस रद कर दिया था, जिनके अलॉटियों ने भुगतान नहीं किया था।

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