MBD ग्रुप और दुबई के पाम जुमेरा की साख दांव पर, कई कंपनियों द्वारा मिलता जुलता नाम रख किया जा रहा गुमराह
लुधियाना/यूटर्न/26 फरवरी। आए दिन शरारती तत्वों द्वारा देश एवं राज्य की नामी कंपनियों से मिलते जुलते नाम रखते हुए अवैध गतिविधयों को अंजाम देने का ट्रेंड एवं चलन लगातार बढ़ता नजर आ रहा है । ताजा मामला शिक्षा ,हॉस्पिटलिटी एवं रियल एस्टेट सैक्टर से जुडी देश की नामी कम्पनी MBD ग्रुप और दुबई की शान एवं लग्जरी टाउनशिप पाम जुमेरा की साख दाव पर लगती नजर आ रहा है जहाँ MDB नामक कम्पनी द्वारा पोंजी स्किम के तहत लुधियाना कनाल रोड पर दुबई की तरह 250 एककड में पाम जुमेरा अल्ट्रा लग्जरी टाउनशिप बनाने के दावे कर रही है चर्चा है की स्कीम के तहत कम्पनी लाखों लोगों को बातों में प्लाट बेच कर करीब 10 हजार करोड़ इकठे किए जाने का लक्ष्य है। अब यह स्कीम है या स्कैम यह तो वक्त ही बताएगा।
फ़िलहाल MBD से मिलता जुलता नाम होने से सामान्य ग्राहक एवं जनता एमडीबी को एमबीडी ग्रुप का ही वेंचर एवं समझ रहे है। जिसका प्रमाण यह है की बिना दस्तावेज देखे हजारों लोग पाम जुमेरा पोंजी स्कीम का शिकार होते नजर आ रहे है। चर्चा है की MDB कम्पनी में अधिकारीयों और राजनेताओं की हिस्सेदारी है जिसके चलते ग्लाडा और रेरा जैसे विभाग भी मूक रह कर स्कैम को प्रोत्साहित एवं निजी स्वार्थों को अंजाम दे रहे है
200 करोड़ किए इकठे !
चर्चाओं की माने तो चौकाने वाली बात यह है की MDB कंपनी के पास अभी तक पर्याप्त जमीन ही नहीं है। लोगों को दावे किए जा रहे है कि टाऊनशिप में पाम जुमेरा की तरह सुविधाएं मिलेगी और इन दावों के आधार पर मार्किट से 200 करोड़ से ज्यादा पैसा जुटाया जा चूका है । लेकिन नाम के भर्म में रहकर लोग कही ठगी का शिकार न हो जाए। जिसके लिए लोगों को सावधान रहने की जरुरत है।
डंके की चोट पर अवैध कॉलोनी बेचने की चर्चा
वहीं चर्चा है कि एमडीबी ग्रुप के पास दावों अनुसार पर्याप्त जमीन की भी रजिस्ट्री नहीं है। जिसके बावजूद भी कम्पनी के प्रमोटर द्वारा डंके की चोट पर 250 एकड़ में कॉलोनी बनाने के दावे किए जा रहे हैं। शहर की सड़कों पर सरेआम कार रैलियां शहर में निकाली जा रही है। चर्चा है कि इसी झूठ की आढ़ में कंपनी द्वारा कई सो करोड़ इकठा कर लिया गया है यहाँ तक की बिना जमीन खरीदे प्लाटों पर ब्लैक एवं प्रीमिय की भी चर्चाएं है जबकि पंजाब सरकार व प्रशासन अनजान बने हुए है ।
रेरा नंबर के बिना नहीं बनाई जा सकती कॉलोनी
एक्सपर्ट की माने तो उक्त एमडीबी कम्पनी के पास दावों अनुसार पर्याप्त जमीन नहीं है, फिर वे कॉलोनी कैसे काट सकते हैं। कॉलोनी के लिए रेरा नंबर भी जरुरी है। जिस के लिए कंपनी द्वारा जमीन खरीदने के बाद ही निवेदन किया जा सकता है । रेरा निवेदन के बाद भी नंबर आने में समय लग जाता हैं। क्योंकि उसमें पूरी वेरीफिकेशन होनी होती है। अगर अब लोगों से ऐसे ठगी हो जाएगी तो पैसे वापिस कैसे मिलेगें।
क्या एमबीडी ग्रुप की साख दांव पर !
गौरतलब है की एमबीडी ग्रुप बुक्स और शिक्षा क्षेत्र में देश का लीडिंग ग्रुप है, इसी के साथ हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट सेक्टर में भी एमबीडी ग्रुप का अलग नाम है। ग्रुप का लुधियाना में बड़ा होटल एवं मॉल भी है लेकिन शहर में इस ग्रुप के नाम की आढ़ में एमडीबी कंपनी के नाम से पोंजी स्कैम को अंजाम देना आसान काम है क्योकि MBD ग्रुप इतना बड़ा है की उनके प्रमोटर्स तक पहुंचना एवं प्रोजेक्ट की जानकारी लेना अपने आप में चेलेंज है ऐसे में शरारती लोगों का फायदा उठाना कोई बड़ी बात नहीं है।
ग्लाडा अधिकारी राम भरोसे
चर्चा है की ंंदब कम्पनी ने पोंजी स्कीम के तहत २०० करोड़ एकत्रित कर लिए और ग्लाडा सीए हरप्रीत सिंह एवं एसीए वनीत कुमार की टीम अनजान बन कर लोगों से ठगी होने का इंतजार कर रही है अक्सर अधिकारी जानकारी ना होने की बात कह कर पीछा छुड़ा लेते है जबकि पिछले कुछ दिनों में पाम जुमेरा पोंजी स्कीम का मुद्दा मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है। जिसके बावजूद एक्शन नहीं होना अधिकारीयों और राजनेताओं के निजी स्वार्थों के होने की चर्चाओं को जन्म देता है अधिकारियों की अनदेखी का खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ सकता है।
दूसरे भी तोड़ेंगे कानून, होगी नई शुरुआत
चर्चा है कि mdb कम्पनी आगामी दिनों में अन्यों के लिए रोल मॉडल बनेगी और अन्य भी इसी राह पर चलते हुए सरेआम नियमों का उलंघन करते देखे जा सकेंगे। क्योंकि इस तरह अगर बाहुबलियों की और से सेटिंग के साथ नियम तोड़कर अवैध गतिविधियां की जाएंगी तो इन्हें देखकर बाकी लोग भी इनकी राह पर चलेगें।