आतंकवाद के जो साथ रहेगा, भारत उसका विरोध करेगा – भारत के 7 डेलिगेशन बनाम पाक का 1 शांति दूत
वैश्विक स्तरपर अब भारत की आतंकवाद के खिलाफ़ स्ट्राइक- 7 डेलिगेशन से घेराबंदी, समर्थक देश की आर्थिक पाबंदी,न झुकेंगे न रुकेंगे की नीति सराहनीय- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर भारत की विदेश नीति कूटनीति की सराहना विश्व में तो ही रही है,यहां तक कि पाक के पूर्व पीएम ने भी इसकी तारीफ़ की थी,विकसित देश भी भारतीय कूटनीति की तारीफ़ के पुल बांध चुके हैं। अब भारत इसमें और एक अध्याय जोड़ने जा रहा है वह यह है कि हथियारों की लड़ाई में तो भारत ने झंडे गाढ़ दिए हैं अब बौद्धिक क्षमता से पूरे विश्व को कन्वेंस कर आतंकवाद के खिलाफ़ वार्तालाप कर अपनी वाणी से उन्हें कन्वेंस कर उन्हें सबूत तर्क देकर कूटनीति से अपनी विजय का ठप्पा लगवा कर आतंकवाद के खिलाफ विश्व के सभी देशों को एक मंच पर लाने की रणनीति को क्रियान्वयन किया जा रहा है,ताकि आतंक वाद का उनको पोषण करने वाले देश व उनका सहयोग कर उन्हें वित्त हथियार, ताकत व प्रोत्साहन देकर पोषित करने वाले देशों पर भी शाब्दिक, आर्थिक स्ट्राइक को क्रियान्वयन किया जा रहा है,उन देशों को यह एहसास कराया जा रहा है कि भारत अब पहले जैसा भारत नहीं रहा अब भारत आज का नया भारत है, इसीलिए ही 7 सर्वदलीय डेलिगेशन, चीन तुर्की अज़रबैजान पर भारत के नागरिकों द्वारा आर्थिक स्ट्राइक का फैसला लेना रेखांकित करने वाली बात है।चूँकि वैश्विक स्तरपर अब भारत की आतंकवाद के खिलाफ़ स्ट्राइक,7 डेलिगेशन से घेराबंदी, समर्थक देश की आर्थिक पाबंदी,न झुकेंगे ना रुकेंगे नीति सराहनीय है, इसीलिए चीन तुर्कीए व अज़रबैजान..पाक के भाईजान की बंद होगी भारत में दुकान,बॉयकॉट ट्रेड ट्रेवल्स व सामान, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, आतंक वाद के जो साथ रहेगा,भारत उसका विरोध करेगा,भारत के 7 डेलिगेशन बनाम पाक का 1 शांति दूत।
साथियों बात अगर हम आतंकवाद के बादशाह पाक की भारतके खिलाफ़ मदद करने वालों पर भारतीय नागरिकों द्वारा आर्थिक स्ट्राइक की करें तो, भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन, तुर्किए और अजरबैजान का असली चेहरा पूरी दुनियाँ के सामने आ गया,पाक ने इस दौरान भारत पर जो ड्रोन और मिसाइल दागे वो ‘मेड इन’ चाइना और तुर्किए थे, पाक ने जो चीन की फुस्स मिसाइल और तुर्किए के ड्रोन भारत पर हमले में इस्तेमाल किये, उनके अवशेष नई दिल्ली के पास मौजूद हैं, चीन और तुर्किए अब इन सबूतों को नकार नहीं सकता है। भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाक को ऑपरेशन सिंदूर में ऐसी चोट दी कि वो घुटनों पर आ गया और सीजफायर के लिए कहा पाक को सबक सिखा दिया गया है, अब उसके ‘भाईजान’ चीन, तुर्किए और अजरबैजान की दुकान भारत में बंद करने की तैयारी हो रही है। साल 2023 से 20.7 पेर्सेंट ज्यादा पर्यटक तुर्किए में पहुंचे थे, पर्यटकों से तुर्किए का राजस्व लगभग 61.1 बिलियन डॉलर रहा, भारतीय पर्यटकों का औसत खर्च इसमें लगभग 972 डॉलर है,भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार से तुर्किए को करीब 291.6 मिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है,ये तो वो नुकसान नजर आ रहा है, लेकिन तुर्किए को भारत के खिलाफ जाने का अप्रत्यक्ष रूप से भी आर्थिक नुकसान होगा। तुर्किए एवं अज़रबैजान की यात्राओं के बहिष्कार के संबंध में कैट ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटर्स संगठनों सहित विभिन्न अन्य संबंधित वर्गों से सम्पर्क कर इस अभियान को तेज करेगा, उधर दूसरी ओर तुर्की और अजरबेजान के साथ व्यापार बंद करने के मुद्दे पर अंतिम निर्णय आगामी 16 मई को कैट द्वारा नई दिल्ली में आयोजित देश के प्रमुख व्यापारी नेताओं के एक राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया गया है। अज़रबैजान में भी काफी भारतीय पर्यटक पहुंचते हैं, जिससे वहां की अर्थव्यवस्था को काफी समर्थन मिलता है, उन्होंने बताया कि साल 2024 में कुल विदेशी आगमन लगभग 2.6 मिलियन पर्यटक था,जिसमें भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 2.5 लाख थी और प्रति भारतीय पर्यटक औसत खर्च: 2,170 एज़ेडएन था, जो लगभग 1,276 डॉलर होता है, इस लिहाज से भारतीय पर्यटकों का खर्च 308.6 मिलियन डॉलर के लगभग अज़रबैजान में होता है, भारत अगर तुर्किए और अजरबैजान की इन दुकानों को बंद कर देता है, तो आर्थिक नुकसान होने से इन्हें अपनी नीतियों पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, इन देशों के होटल, रेस्तरां, टूर ऑपरेटर, और अन्य संबंधित व्यवसायों को भी नुकसान होगा। व्यापारियों के संगठन, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भी ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर पाकिस्तान के लिए तुर्की और अजरबैजान के हालिया “समर्थन” का हवाला देते हुए, उनके साथ सभी व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।सीएआईटी ने शुक्रवार को कहा कि इस निर्णय में तुर्की और अज़रबैजानी वस्तुओं का राष्ट्रव्यापी बहिष्कार शामिल है, और भारत भर के व्यापारी इन देशों से आयात रोक रहे हैं।
साथियों बात अगर हम भारत पाक़ तनाव व युद्ध में पाक़ को समर्थन करने वाले देशों की करें तो, पहलगाम हमले के बाद बदलते हालात के बीच तुर्की ने पाक के समर्थन का ऐलान किया था। तुर्की के राष्ट्रपति ने पाक पीएम से बात कर उन्हें हर तरह की मदद की बात कही थी। ऐसी भी खबरें हैं कि तुर्की ने मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए पाक को हथियारों की बड़ी खेप भेजी है। हालांकि, तुर्की ने इसका खंडन किया है। इतना ही नहीं, भारत से तनाव के बीच तुर्की के एयरफोर्स के कमांडर और खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने पाक का दौरा भी किया था।भारत से तनाव के बीच चीन ने खुलकर पाक का समर्थन किया था। चीन ने कहा था कि वह पाकिस्तान की संप्रभुता का समर्थन करेगा और उसके साथ दोस्ती को कायम रखेगा। उसने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की पाक की मांग का समर्थन भी किया था। गुरुवार को चीनी राजदूत ने पाक पीएम से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ने चीनी राजदूत को भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए तनाव के बारे में जानकारी दी। इस दौरान राजदूत ने कहा कि चीन पाक की वैध सुरक्षा चिंताओं को समझता है और राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए उसके प्रयासों का समर्थन करता है। अजरबैजान और पाक की दोस्ती जगजाहिर है। दोनों देश इस्लाम के नाम पर एक दूसरे का समर्थन करते हैं। अजरबैजान ने भी भारत से तनाव के बीच पाक का समर्थन किया। उसने कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का राग अलापा और शांति की अपील की। अजरबैजान ने पहलगाम हमले की पाक की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है और युद्ध की जगह वार्ता के जरिए समाधान तलाशने पर जोर दिया है।
साथियों बात अगर हम दोनों देशों के तनाव में भारत को समर्थन करने करने वाले देशों की करें तो, इजरायल ने पाक के साथ तनाव के बीच खुलकर भारत के समर्थन का इजहार किया है। पहलगाम हमले के तुरंत बाद इजरायल के पीएम भारत में इजरायली दूतावास, राजदूत और दूसरे वरिष्ठ इजरायली नेताओं ने इसकी निंदा की।उन्होंने भारतीय पीएम से बात कर अपनी संवेदना और समर्थन का इजहार भी किया। गाजा पट्टी में हमास के साथ युद्ध में उलझने के बावजूद इजरायल ने भारत को हर तरह की मदद का भरोसा दिया है।पहलगाम हमले के बाद इटली ने भी भारत का समर्थन किया है। इटली की पीएम ने इस घटना पर दुख जताया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इटली ने भारत को हर तरह के समर्थन का ऐलान भी किया है। जॉर्जिया मेलोनी के कार्यकाल में भारत और इटली के द्विपक्षीय संबंध काफी मजबूत हुए हैं। इटली यूरोपीय यूनियन का एक प्रमुख देश है। फ्रांस ने भी पहलगाम हमले के बाद भारत का समर्थन किया है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने पहलगाम हमले पर दुख जताया था और भारत को हर संभव मदद का ऐलान किया था। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही थी। फ्रांस दुनियाँ की महाशक्तियों में से एक होने के अलावा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य भी है। वह भारत का एक प्रमुख रक्षा साझेदार भी है।
साथियों बात अगर हम भारत के खिलाफ़ चीन के हवाई सुरक्षा सैटेलाइट व खुफिया जानकारी पाक़ को साझा करने की करें तो, जब भारत और पाकिस्तान की सेनाएं एक-दूसरे पर भारी पड़ने की जुगत में थीं, तब कोई तीसरा खिलाड़ी चुपके से मैदान में उतर आया। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली के सेंटर फॉर ज्वाइंट वारफेयर स्टडीज ने खुलासा किया कि चीन ने पाक को हवाई सुरक्षा, सैटेलाइट सपोर्ट और खुफिया जानकारी देकर इस जंग में उसका साथ दिया। चीन के सैटेलाइट के बदौलत पाक भारत के शहरों में ड्रोन और मिसाइल अटैक कर रहा था।
साथियों बात अगर हम भारत के विरोध के कारण आईएमएफ द्वारा 18 मई 2025 को पाक़ के खिलाफ़ और 11 शर्तें लागू करने की करें तो भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच पाक को भारी-भरकम कर्ज देने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमफ) को अब शायद अपना पैसा डूबने का खतरा महसूस होने लगा है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक,इसके चलते आईएम एफ ने अपने बेलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने के लिए पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगाई हैं और इसके बाद Pak पर कुल शर्तें बढ़कर 50 हो गई हैं। आईएमएफ की ओर से पाक को दो टूक कह दिया गया है कि अगर ये शर्तें पूरी नहीं होती हैं, तो फिर उसे अगली किश्त जारी नहीं हो सकेगी
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विशेष विश्लेषण करें तो हम पाएंगे किआतंकवाद के जो साथ रहेगा,भारत उसका विरोध करेगा – भारत के 7 डेलिगेशन बनाम पाक का 1 शांति दूत।चीन, तुर्कीए, अज़रबैजान…पाक़ के भाईजान की बंद होगी भारत में दुकान-बॉयकॉट,ट्रेड, ट्रेवल्स व सामानवैश्विक स्तरपर अब भारत की आतंकवाद के खिलाफ़ स्ट्राइक-7 डेलिगेशन से घेराबंदी,समर्थक देश की आर्थिक पाबंदी,न झुकेंगे न रुकेंगे की नीति सराहनीय।
*-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र *