लुधियाना ईस्ट में जिस बेशकीमती जमीन को लेकर चलीं गोलियां, सैकड़ों

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इलाके के पूर्व विधायक संजय तलवाड़ का दावा, कांग्रेसी कौंसलरों से निगम सदन में उठवाएंगे यह मुद्दा

लुधियाना 21 फरवरी। यहां शुक्रवार ताजपुर रोड से लगती भोला कॉलोनी में गिल फार्म हाउस के पास जमीन विवाद को दो पक्षों में फायरिंग होने के पीछे बड़ा राज है। लुधियाना ईस्ट हल्के के पूर्व कांग्रेसी विधायक संजय तलवाड़ ने दावा किया कि सैक्टर-32 के पास प्राइम लोकेशन वाली यह बेशकीमती जमीन नगर निगम की संपत्ति है। करीब 32 एकड़ इस जमीन की बाजार कीमत मौजूदा वक्त 300 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

पूर्व विधायक की मानें तो बड़ा ‘खेला’

इस जमीनी-विवाद को लेकर पिछली कांग्रेस सरकार में  विधायक रहे तलवाड़ के मुताबिक कभी यह जमीन ग्राम पंचायत में थी। अरसे पहले लुधियाना नगर कौंसिल बनने के बाद यह संपत्ति उसके दायरे में आ गई थी। हालांकि लुधियाना नगर निगम बनने के बाद भी लंबे समय तक निगम अधिकारियों या जनप्रतिनिधियों ने इसकी कोई सुध नहीं ली। नतीजतन इस बेशकीमती जमीन पर कब्जा हो गया। तलवाड़ के मुताबिक जब वह कांग्रेस से विधायक बने तो उन्होंने नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों से इस सरकारी संपत्ति पर हक जताने के लिए कानूनी कार्रवाई करने को कहा।

निगम व जिला प्रशासन ने बनाई एसआईटी

जमीन पर कब्जे की कोशिश तब नाकाम रही

विधायक तलवाड़ के मुताबिक निगम की इस संपत्ति को अपनी बताने वाले उनके कार्यकाल में कब्जा करने में नाकाम रहे। निगम व जिला प्रशासन के आला अफसरों ने एसआईटी बनाकर इस जमीन की बाउंड्री वाल करने से रोक दिया। इसके बाद जमीन पर दावा जताने वाले हाईकोर्ट चल गए। उसी दौरान विधानसभा चुनाव आ गए और सूबे में सरकार बदल गई।

सरकार बदलते ही जमीन पर हो गई बाउंड्री-वॉल :

पूर्व विधायक हैरानी जताते हैं कि सन 1971-72 से लेकर 2022 तक इस बेशकीमती सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं हो सका था। अचानक सरकार बदलते ही वहां बाउंड्री-वॉल हो गई। उनके मुताबिक हर वह पिछला विस चुनाव नहीं हारते तो आज उस जमीन पर एस्म जैसा बड़ा अस्पताल या शानदार स्टेडियम बन जाता।

निगम सदन में कांग्रेसी कौंसलर मुद्दा उठा

शासन-प्रशासन को इस मामले में जगाएंगे

पूर्व विधायक तलवाड़ ने इस मामले में तीखे तेवर दिखाते दावा किया कि वह इस मुद्दे को निगम सदन की अगली मीटिंग में जोरदारी से उठवाएंगे। कांग्रेसी कौंसलरों के जरिए इस मामले में निगम-जिला प्रशासन को जगाया जाएगा। ताकि इस सरकारी जमीन का जनहित में सही इस्तेमाल हो सके।

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