आर्किटेक्ट संजय गोयल ने पैनल में चर्चा के दौरान दिए अहम टिप्स
लुधियाना 21 फरवरी। डिज़ाइनेक्स आर्किटेक्ट्स के आर्किटेक्ट संजय गोयल लुधियाना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के पूर्व डायरेक्टर हैं। उन्होंने चंडीगढ़ में भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आयोजित जीआरआईएचए रीजनल कॉन्क्लेव में भाग लिया।
इस कॉन्क्लेव का विषय ‘निर्मित पर्यावरण में जलवायु कार्रवाई में तेजी लाना’ था। आर्किटेक्ट गोयल ने ‘सस्टेनेबल बिल्डिंग मटेरियल – निर्माण क्षेत्र में डीकार्बोनाइजेशन’ पर पैनल चर्चा में भाग लेते कहा कि लुधियाना और अन्य शहर बुनियादी ढांचे के विकास को डीकार्बोनाइजेशन के साथ संतुलित कर टिकाऊ भविष्य प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए कॉम्पैक्ट विकास को प्राथमिकता देना, सार्वजनिक परिवहन में निवेश, ग्रीन बिल्डिंग्स को बढ़ावा देना, शहरी हरित स्थानों को एकीकृत करना और नवीकरणीय ऊर्जा और स्मार्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाना शामिल है।
जीआरआईएचए कौंसिल के वाइस प्रेसिडेंट और चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर संजय सेठ ने इस कान्क्लेव का नेतृत्व किया। अन्य पैनलिस्टों में आर्किटेक्ट अनिल कुमार वालिया – आईआईए पंचकूला चैप्टर के चेयरमैन और हरियाणा के पूर्व चीफ आर्किटेक्ट, सिद्धार्थ बांसल – मैजिक्रेट बिल्डिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर, आर्किटेक्ट चेतना राठी – एनआईसीएमएआर यूनिवर्सिटी से असिस्टेंट प्रोफेसर, संगीता बग्गा – चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर (सीसीए), चंडीगढ़ की प्रिंसिपल शामिल थे। पैनल की अध्यक्षता आकाशदीप – जीआरआईएचए कौंसिल के डिप्टी जनरल मैनेजर ने की।
विषय की व्याख्या गुरहरमिंदर सिंह जॉइंट डायरेक्टर, डायरेक्टरेट ऑफ एनवायरनमेंट एंड क्लाइमेट चेंज, डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस टेक्नोलॉजी एंड एनवायरनमेंट, पंजाब सरकार व प्रिंसिपल साइंटिफिक अफसर, पंजाब स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड द्वारा की गई। कॉन्क्लेव में आर्किटेक्ट, इंजीनियर, इंटीरियर डिजाइनर, बिल्डर, डेवलपर्स, शिक्षाविदों, ब्यूरोक्रेट्स, कॉलोनाइजर्स, सरकारी अधिकारियों और मनुफक्चरर्स सहित सैकड़ों स्टेकहोल्डर्स ने भाग लिया।
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