लुधियाना अर्बन एस्टेट प्रोजेक्ट: गांवों के नाम सामने आने पर जोड़तोड़ में लगा रियल एस्टेट, सरकार बदनाम करने को बना सकते हैं किसानी मुद्दा

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विधायक अयाली – ज्यादातर जमीनें किसानों के पास, चर्चा – 90 प्रतिशत मालिक हैं रियल एस्टेट कारोबारी

लुधियाना 18 मई। लुधियाना समेत पंजाब के कई शहरों में पंजाब सरकार द्वारा अर्बन एस्टेट डवेलप की जा रही है। सिर्फ लुधियाना में ही करीब 24 हजार एकड़ जमीन लैंड पूलिंग के तहत एक्वायर करके अर्बन एस्टेट डवेलप की जानी है। पिछले दिनों पंजाब सरकार द्वारा किन-किन गांवों की जमीन एक्वायर की जानी है, उनके सामने सामने लाए गए हैं। चर्चा है कि गांवों के नाम सामने आते ही रियल एस्टेट सेक्टर व राजनीतिक पार्टियों में हलचल मच चुकी है। जहां एक तरफ रियल एस्टेट सेक्टर के कई लोग अपनी जमीनें टाउनशिप के दायरे से निकालने तो कोई दायरे में लाने के लिए जोड़तोड़ में लगे है। इसमें ग्लाडा के अधिकारियों द्वारा अहम भूमिका निभाई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ सरकार के इस प्रोजेक्ट को किसानी मुद्दा बनाकर आप सरकार को बदनाम करने के प्रयास भी शुरु हो चुके हैं। चर्चा है कि अब और कोई रास्ता न निकलता देख इस प्रोजेक्ट से नाखुश कई लोगों द्वारा इसे किसानी मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है। ताकि मुद्दा बनाकर इसे रोका जा सके और सरकार की छवि खराब हो सके। चर्चा है कि यह सब रियल एस्टेट सेक्टर, कारोबारियों और ग्लाडा के अफसरों द्वारा आपसी मिलीभगत करके किया जा रहा है।

कारोबारी डंके की चोट पर अपनी जमीनों का कर रहे बचाव

चर्चा है कि कई कारोबारियों द्वारा तो यहां तक कहा जा रहा है कि उनके पास पैसा है और वे पैसे के दम पर कुछ ङी कर सकते हैं। जबकि कई कारोबारी डंके की चोट पर अपनी जमीनें टाउनशिप की एक्वायर होने वाली जमीन से बाहर निकलवा रहे हैं।

कोई जमीन निकालने तो कोई डालने में जुटा

चर्चा है कि इस प्रोजेक्ट से नाखुश कई रियल एस्टेट कारोबारियों की जमीनें टाउनशिप के अधीन एक्वायर की जा सकती है। उनकी और से बनावटी तेजी लाकर लोगों से मुंह मांगी कीमत ली जाती थी। जिसके चलते अपनी जमीनें बचाने के लिए उनकी और से ग्लाडा अफसरों के साथ मिलकर बचाव करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ मुल्लापुर के एक नामी कारोबारी के पास करीब 150-200 एकड़ जमीन है। जिसे उसने 50 लाख से एक करोड़ रुपए प्रति एकड़ खरीदा था। लेकिन अब वे इस प्रयास में लगे हैं कि उनकी जमीन टाउनशिप में एक्वायर हो जाए। जिससे उन्हें ज्यादा कीमत मिल सकेगी।

लाइजनर भी हुए एक्टिव, एक किले का एक करोड़ कीमत

चर्चा है कि दूसरी तरफ अब इस पूरे घटनाक्रम में लाइजनर भी एक्टिव हो चुके हैं। जिनकी और से दावा किया जा रहा है कि उनकी उच्च अधिकारियों व राजनेताओं के साथ अच्छी सेटिंग है। जिसके चलते कारोबारी उनसे संपर्क करें और वे उनकी जमीन को इस टाउनशिप में एक्वायर नहीं होने देंगे। चर्चा है कि उनकी तरफ से एक किले की एक करोड़ रुपए कीमत रखी गई है।

विपक्ष की सरकार को बदनाम करने की हो सकती कोशिश

चर्चा है कि अब इस टाउनशिप के निर्माण में तेजी आने पर कहीं विपक्ष द्वारा इसमें रुकावट डालने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा। क्योंकि पुरानी सरकारों से चले आ रहे इस प्रोजेक्ट पर कभी काम नहीं हुआ। अब आप सरकार द्वारा यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। जिसके चलते चर्चा है कि कही न कही विपक्ष द्वारा अफसरों और कुछ कारोबारियों के साथ मिलकर कही सरकार को बदनाम करने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा।

सांसद अरोड़ा ने कहा, किसी से नहीं होगी धक्केशाही

वहीं रविवार को रियल एस्टेट सेक्टर कारोबारियों द्वारा सांसद संजीव अरोड़ा के साथ मुलाकात की गई। इस दौरान सांसद अरोड़ा ने उन्हें आश्वासन दिलाया कि शहर लगातार विकसित हो रहा है। यह अर्बन एस्टेट लाना समय की मांग है। लेकिन वे आश्वासन देते हैं कि किसी के साथ धक्केशाही नहीं होगी। अगर कोई अपनी जमीन एक्वायर कराना चाहता है, तो ही उसकी जमीन ली जाएगी। जबरदस्ती किसी के साथ नहीं की जाएगी।

विधायल अयाली ने कहा किसानों के हक की बात, करेगें मीटिंग

वहीं विधायक मनप्रीत सिंह अयाली द्वारा भी वीडियो जारी कर मामले में बयान दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह जमीनें किसानों की है। जिसके चलते अगर किसान जमीन देना चाहे, तो ठीक है, लेकिन किसी को किसानों से धक्केशाही करने नहीं दी जाएगी। वे जल्द इस मामले संबंधी मीटिंग भी बुलाएंगे।

ज्यादातर जमीनें कारोबारियों के पास हैं मौजूद

वहीं बता दें कि नेताओं द्वारा दावा किया जा रहा है कि यह जमीनें किसानों की है। लेकिन बता दें कि कैनाल रोड साउथ सिटी और लाडोवाल साउदर्न बाइपास पर 90 प्रतिशत जमीनें कारोबारी खरीद चुके हैं। सरकार ने जहां टाउनशिप बनानी है, उन जमीनों के ज्यादातर मालिक रियल एस्टेट कारोबारी है। उनमें जट व किसान बहुत कम संख्या में है। चर्चा है कि शायद अब इस प्रोजेक्ट को किसानी रुप देकर रुकावट डालने का प्रयास हो रहा है।

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