शहर के सैकड़ो डॉक्टरों की रजिस्ट्रेशन खतरे में 

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जांच हुई तो अधिकतर डॉक्टर नहीं कर सकेंगे प्रैक्टिस, 50 क्रेडिट आवर नहीं किये पूरे

लुधियाना 20 फरवरी : कंटीन्यूईग मेडिकल एजुकेशन के तहत अपने आप को अपग्रेड न करने के आवाज में शहर के सैकड़ो डॉक्टरों की रजिस्ट्रेशन खतरे में पड़ गई है इनमें से अधिकतर ने अपने आप को अपग्रेड करने के लिए विभिन्न मेडिकल सेमिनार में भाग नहीं लिया ऐसे में उनकी अगर रजिस्ट्रेशन का नवीकरण पंजाब मेडिकल काउंसिल द्वारा नहीं किया जाता तो वह इसके अभाव में प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे उल्लेखनीय है कि नियमों के अनुसार हर डॉक्टर को अपने आप को अपग्रेड करने के लिए 5 साल में 50 क्रेडिट आवर लेने होते हैं हर मेडिकल सेमिनार आदि के लिए क्रेडिट आवर पंजाब मेडिकल काउंसिल द्वारा तय किए जाते हैं जिन्हें काउंसिल द्वारा मेडिकल एजुकेशनल एक्टिविटी में भाग लेकर समय देने के आधार पर तय किया जाता है कोविड के दौरान सन 2020 और 2021 के लिए पंजाब मेडिकल काउंसिल द्वारा डॉक्टर को 20 क्रेडिट आवर्स की छूट प्रदान की गई परंतु इसके बावजूद अधिकतर डॉक्टरो ने शेष क्रेडिट आवर पूरे नहीं किए जबकि विशेषज्ञों की माने तो हर डॉक्टर के लिए मेडिकल के क्षेत्र में सामने आ रही नयी उपलब्धियो के बारे में जानकारी रखना आवश्यक होता है ताकि वह मरीजो की देखभाल के लिए अपने आप को समय के अनुरूप अपडेट रख सके पंजाब मेडिकल काउंसिल से रजिस्टर्ड के डॉक्टरों का मानना है कि नियमों के अनुसार डॉक्टर के लिए यह लाजमी है कि वह निर्धारित नियमों के तहत अपने क्रेडिट आवर पूरे करें उल्लेखनीय है कि वर्तमान में राज्य में 55000 से लेकर 60000 के करीब डॉक्टर कार्यरत है परंतु ऑनलाइन रिकॉर्ड के अनुसार 25000 डॉक्टर ही कौंंसल के पास रजिस्टर्ड है

 

क्रेडिट आवर पूरे ना होने पर रजिस्ट्रेशन के नवीकरण में आ सकती है दिक्कत

पंजाब मेडिकल काउंसिल के नियमों के अनुसार बहुत से डॉक्टर अभी अपने क्रेडिट आवर पूरे नहीं कर पाए हैं उन्हें इसे पूरा करने के लिए एक वर्ष का समय दिया जाता है अगर फिर भी वह इसमें नाकाम रहते हैं तो उनकी रजिस्ट्रेशन के नवीकरण  को खतरा हो सकता है ऐसे में अगर किसी डॉक्टर की रजिस्ट्रेशन का नवीकरण काउंसिल द्वारा नहीं किया जाता तो वह बिना रजिस्ट्रेशन के प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे

सेमिनारों में जाने से कतराते हैं डॉक्टर

देखने में आया कि मेडिकल सेमिनारों में जाने से डॉक्टर कतराते हैं आई एम ए के एक वरिष्ठ पदाधिकारी रह चुके डॉक्टर ने बताया कि या तो डॉक्टर सेमिनार में आते नहीं या आकर थोड़ी देर में उठकर चले जाते हैं और बाद में उनका नाम सेमिनार में भाग लेने वालों में शामिल करने की सिफारिश करते हैं इसके अलावा जिन डॉक्टर की प्रैक्टिस काफी अच्छी है वह भी मेडिकल सेमिनार में भाग नहीं लेते इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा आयोजित सेमिनारो में पत्रकारों को नहीं बुलाया जाता है और  भेजी गई प्रेस विज्ञप्ति में सेमिनार में भाग लेने वाले डॉक्टरों की संख्या सैकड़ो नहीं बल्कि हजारों में बताई जाती है बाद में सिफारिश डॉक्टर के नाम सेमिनार में भाग लेने वालों में लिख दिए जाते हैं

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