चंडीगढ़: सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन, आउटसोर्सिंग वर्कर्स तीन महीने से वेतन को तरसे

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आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के साथ भेदभाव, कोऑर्डिनेशन कमेटी ने उठाई आवाज

नवीन गोगना

चंडीगढ़, 20 फरवरी। सरकारी कर्मचारियों को हर महीने की एक तारीख को वेतन मिल जाता है, लेकिन नगर निगम और प्रशासन के विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला। इस मुद्दे को लेकर कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ गवर्नमेंट एंड एमसी एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स यूटी चंडीगढ़ का प्रतिनिधिमंडल वित्त सचिव दीप्रवा लाकड़ा से मिला और जल्द से जल्द बकाया वेतन जारी करने की मांग की।

 

वित्त सचिव ने दिया समाधान का आश्वासन

प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान वित्त सचिव ने बताया कि इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सही जानकारी नहीं भेजी गई है। जब तक वित्तीय मंजूरी के साथ आवश्यक जानकारी नहीं मिलेगी, तब तक बजट जारी करना मुश्किल है। हालांकि, उन्होंने आर्थिक तंगी से जूझ रहे कर्मचारियों को राहत देने के लिए आंशिक बजट जारी करने पर विचार करने की बात कही।

 

इंजीनियरिंग विभाग पर लापरवाही के आरोप

प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि इंजीनियरिंग विभाग के विभिन्न सर्कल—इलेक्ट्रिकल, पब्लिक हेल्थ और कंस्ट्रक्शन—तथा नगर निगम में कार्यरत वर्करों को वेतन नहीं मिल रहा। प्रशासन और लेबर विभाग की स्पष्ट हिदायतों के बावजूद आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है।

 

सड़क पर उतरने को मजबूर कर्मचारी

पिछले कुछ दिनों से आउटसोर्सिंग कर्मचारी सेक्टर-9 स्थित प्रशासनिक दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे कड़ी मेहनत के बावजूद वेतन न मिलने से मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हैं।

 

वित्तीय अनियमितताओं पर होगी कार्रवाई

वित्त सचिव ने आश्वासन दिया कि विभागीय लापरवाही और वित्तीय अनियमितताओं की जांच की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

 

प्रतिनिधिमंडल में ये लोग थे शामिल

प्रतिनिधिमंडल में महासचिव राकेश कुमार, इलेक्ट्रिकल वर्कमैन यूनियन के प्रधान किशोरी लाल, पब्लिक हेल्थ से जसविंदर सिंह, बिल्डिंग मेंटेनेंस से हरदीप सिंह, कृपण और सुखविंदर सिंह शामिल रहे।

 

आगे की रणनीति

 

अगर जल्द वेतन जारी नहीं हुआ तो आउटसोर्सिंग कर्मचारी प्रशासन के खिलाफ बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने की चेतावनी दे रहे हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक इन कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान देता है।

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