वर्धमान ग्रुप के मालिक को डिजिटल अरेस्ट कर 7 करोड़ ठगी करने वाला आरोपी गुवाहाटी से गिरफ्तार, आठ की हुई पहचान

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गुवाहाटी, पच्छमी बंगाल और दिल्ली के रहने वाले हैं आरोपी

नवीन गोगना

लुधियाना 15 मई। वर्ल्ड की नामी टेक्सटाइल कंपनी वर्धमान टेक्सटाइल्स लिमिटेड के मालिक एसपी ओसवाल के साथ डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी मारने के मामले में पुलिस द्वारा बड़ी सफलता हासिल की गई है। इस मामले में पुलिस द्वारा ठगी के एक आरोपी को आसाम के गुवाहाटी से गिरफ्तार कर लिया है। जबकि आठ अन्य आरोपियों की पहचान हो चुकी है। जिन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान गुवाहाटी के अतनू चौधरी के रुप में हुई है। लुधियाना पुलिस को यह एक बड़ी कामयाबी मिली है। बता दें कि पिछले साल हुई फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर इस ठगी ने पंजाब पुलिस को सकते में डाल दिया था। बेशक लुधियाना पुलिस को उक्त घटना को अंजाम देने वाले अपराधी को पकड़ने में समय लगा, लेकिन लुधियाना पुलिस ने हार नहीं मानी।

गुवाहाटी, पच्छमी बंगाल व दिल्ली के हैं आरोपी

वहीं डीसीपी रुपिंदर सिंह ने बताया कि इस मामले में पहले ही 5.25 करोड़ रुपए की रिकवरी हो चुकी है। मामले में अभी एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा आठ अन्य आरोपियों का भी पता चल चुका है। वे आरोपी पच्छमी बंगाल और दिल्ली के रहने वाले हैं। पुलिस द्वारा अतनू से छह एटीएम कार्ड व तीन मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

अगस्त 2024 में हुई थी ठगी

दरअसल, आरोपियों द्वारा वर्धमान इंडस्ट्री के मालिक एसपी ओसवाल को कॉल की गई। उन्होंने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। इस तरह फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर आरोपियों द्वारा डिजिटल अरेस्ट के जरिए करीब 7 करोड़ रुपए की ठगी मार ली गई थी। इस मामले का खुलासा होते ही पुलिस ने एक्शन शुरु किया। पुलिस द्वारा पहले तो जिन खातों में पैसे ट्रांसफर हुए थे, उन्हें सीज किया। जिसके चलते 5.25 करोड़ रुपए की रिकवरी हो गई थी। जबकि आरोपी फरार थे। पीपीएस वैभव सहगल और पीपीएस मुराद जसवीर के नेतृत्व में काम कर रही पुलिस टीम ने असम गुवाहाटी से एक अंतर्राज्यीय गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया।

17 लाख रुपए ठगी के पीड़ित ने सीपी से लगाई गुहार

वर्ष 2022 में इसी तरह की ठगी का शिकार हुए मनप्रीत दत्त ने बताया कि वर्ष 2022 में एक साइबर जालसाज ने उनसे 17 लाख रुपए की ठगी की थी, जिसके संबंध में उन्होंने स्वयं करीब एक माह का समय लगाकर जालसाजों के सभी साक्ष्य एकत्रित करके थाना डेहलों की पुलिस को दिए थे। जिस पर पुलिस ने एफआईआर 49 दर्ज कर ली थी। लेकिन अगर एफआईआर दर्ज भी हुई थी तो उन्हें इतनी बार थाना डेहलों के चक्कर लगाए, लेकिन पुलिस ने उन्हें कोई सहयोग नहीं किया। 17 लाख के पीडि़त मनप्रीत दत्त ने उम्मीद जताई है कि जिला पुलिस आयुक्त स्वप्न शर्मा उन्हें न्याय जरूर दिलाएंगे। पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा की टीम निश्चित रूप से धोखाधड़ी करने वालों पर एक्शन ले सकती है। मनप्रीत दत्त ने बताया कि डेहलों थाने की पुलिस को ठगी करने वालों के सभी बैंक खातों की डिटेल सौंप दी है।

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