सीएम की दलील, केजरीवाल आप के राष्ट्रीय संयोजक, उनको पूरे देश में पार्टी चलानी है
मानसा 19 फरवरी। आम आदमी पार्टी की दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद सियासी चर्चाएं तेज हो गई थीं। जिसके मुताबिक पंजाब के सीएम भगवंत मान को हटाकर आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल उनकी कुर्सी कब्जा लेंगें।
यहां गौरतलब है कि बीजेपी समेत इसको लेकर विपक्षी पार्टी के बड़े नेताओं की ओर से बयान आ रहे हैं। जब मानसा पहुंचे सीएम मान से मीडिया कर्मियों ने यही सवाल किया तो उन्होंने चर्चा करने वालों पर करारा तंज कसा कि क्या ऐसा हो सकता है। जो मुंह में आता है, वही बोलने लगते हैं। साथ ही दलील दी कि इससे पहले भी लोग यही बात कहते थे। केजरीवाल हमारी पार्टी के संयोजक व राष्ट्रीय पार्टी के नेता हैं। उन्हें पूरे देश में पार्टी चलानी है। उनका कार्यक्रम कभी गुजरात में होता है तो कभी छत्तीसगढ़ में रहता है। ऐसी अफवाहें फैलाई जाती हैं।
सीएम मान ने कहा कि आज मेरे पास तीन-चार लोगों का फोन आया कि आज आपका जन्मदिन है। मैंने उनसे पूछा कि इंटरनेट से पता चला। साल में एक जन्मदिन होता है, तीन या चार नहीं। यहां तो अफवाहें फैलाते रहते हैं। जब सीएम से सवाल किया कि अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे लोगों के जहाज पंजाब में उतारे जा रहे हैं, इससे आप क्या समझते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि मैंने तो इस चीज का अमृतसर जाकर विरोध किया है। नेशनल स्तर पर मीडिया ने इस मामले को उठाया है। उस विरोध का असर यह होगा कि अब अगला कोई जहाज आएगा तो वह कम से कम पंजाब में नहीं आएगा। वहीं, जो युवा डिपोर्ट हो रहे हैं, उनकी पंजाब सरकार मदद करेगी।
मान को हटाने की चर्चा कितनी दमदार :
जैसे ही दिल्ली चुनाव के नतीजे आए, उसके बाद पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि आप के 30 विधायक उनके संपर्क में हैं। इसके बाद आप सुप्रीमो केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव प्रचार में जुटे आप नेताओं की मीटिंग बुलाई थी। इसके बाद यह मामला ज्यादा गर्माया। हालांकि आप नेताओं ने शुरू से ही इसे अफवाह बताया था। उनका कहना था कि बाजवा के संपर्क में तो अपने ही विधायक नहीं है। पंजाब में 2022 में सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए थे, इसमें आप ने 92, कांग्रेस 18, भाजपा 2, शिरोमणि अकाली दल 3 और बसपा एक सीट जीती थी। पंजाब में बहुमत का आंकड़ा 59 का है। ऐसे में अगर 30 विधायक पार्टी छोड़ भी देते हैं तो भी आप के पास 62 विधायक रहते और सरकार को कोई खतरा नहीं होना था।
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