मुख्यमंत्री ने बीस साल पुराने खालों की लिस्ट बनाने के निर्देश भी दिए
हरियाणा, 12 मई। अमूमन राज्य सरकार मानसून सीजन सिर पर आने के बाद ही बाढ़ आदि से निपटने की तैयारियां करती हैं। हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आगामी मानसून को लेकर राज्यभर में चल रही अल्पकालिक परियोजनाओं की समीक्षा बैठक बुला ली।
जानकारी के मुताबिक सीएम ने मीटिंग में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून से पहले सभी आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 30 जून तक सभी ड्रेनों की सफाई का कार्य पूरा करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून से पहले प्रदेशभर में 20 वर्ष से पुराने खालों की सूची तैयार की जाए, ताकि उनकी सफाई व मरम्मत हो सके।
उन्होंने सिंचाई-जल संसाधन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी व शहरी स्थानीय निकाय विभागों के अधिकारियों को जरुरी निर्देश के साथ हिदायत दी कि सभी ड्रेनों और माइनर तत्काल साफ कराएं। ताकि जलभराव या बाढ़ जैसी स्थिति ना आए। सीएम ने सरस्वती नदी, मारकंडा नदी और टांगरी नदियों की भी डिसिल्टिंग कर गहराई सुनिश्चित कर रिवर बैंड दुरुस्त करने को कहा। ड्रेनों आदि में जलकुंभी तुरंत साफ कराने को कहा।
इसके अलावा सभी बांधों की पूर्व जांच की जाए, ताकि खामियां समय रहते ठीक की जा सकें। उन्होंने यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए विशेष निर्देश देत कहा कि उसमें गंदा पानी नालों से ना गिराया जाए। जहां इंडस्ट्रियल वेस्ट नदी में प्रवाहित हो रहा है, वहां तुरंत सीईटीपी स्थापित करें। सीईटीपी परियोजनाओं के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार करें। सीईटीपी से निकला शुद्ध जल सिंचाई जैसे कार्यों में किया जाए। मानसून से पहले सभी वाटर हार्वेस्टिंग और वाटर रिचार्जिंग स्ट्रक्चरों की सफाई कराएं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में 282 करोड़ रुपए की लागत की 209 अल्पावधि परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। बाकी 103 पर कार्य जारी है।
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