गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर 19 फरवरी को लुधियाना में रहेंगे, पर्ल्स ऑफ़ विज़डम कार्यक्रम में भाग लेंगे
पंजाब के फ़ाज़िल्का जिले के जलालाबाद के 18 वर्षीय निखिल के लिए घर से दूर कानून की पढ़ाई के लिए जाना एक सपना सच होने जैसा था। हालांकि यह परिवर्तन आसान नहीं था। एक नए शहर में, परिवार और दोस्तों से दूर रहते हुए वह फिट होने के लिए संघर्ष कर रहा था, लेकिन कब वह धूम्रपान और शराब जैसी गलत आदतों में सुकून खोजने लगा, उसे पता ही नहीं चला। जो शुरुआत में केवल कभी-कभार होती थी, वह आदत जल्दी ही एक बुरी लत में बदल गई और कुछ ही समय में वह हर दिन 20 सिगरेट पीने लगा।
निखिल कहते हैं कि समूह के दबाव के कारण मैं चेन स्मोकर बन गया था, हर दिन 20 सिगरेट पीने लगा। मैंने शराब भी पीनी शुरू कर दी। मेरे दोस्तों के माता-पिता ने मुझे बुरा असर डालने वाला मान लिया और मुझे उनसे दूर रहने की चेतावनी दी। निखिल की जिंदगी एक दिन तब बदल गई, जब उसके दोस्त देवांश ने उन्हें गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर द्वारा स्थापित द आर्ट ऑफ लिविंग के हैप्पीनेस प्रोग्राम से परिचित कराया। इस प्रोग्राम में सुदर्शन क्रिया, एक शक्तिशाली श्वास तकनीक ने उन्हें नशे के चंगुल से बाहर निकलने का एक रास्ता दिखाया। शुरुआत में थोड़ी झिझक के बावजूद भी निखिल ने इसका अभ्यास करने का निर्णय लिया। एक साल तक नियमित रूप से क्रिया का अभ्यास करने के बाद वह नशे से मुक्त हो गए।
बकौल निखिल-ध्यान ने मुझे मेरी लत से उबारने में मदद की। आज वह अपने परिवार के साथ नशे के शिकंजे से मुक्त एक सुखमय जीवन जीते हैं। उनकी कहानी कोई अनोखी नहीं है। पंजाब में नशे की लत एक गंभीर संकट बनी हुई है, जहां एक अनुमान के अनुसार दो तिहाई घरों में कम से कम एक सदस्य नशे की लत से जूझ रहा है। इस समस्या को देखते हुए, गुरुदेव ने पंजाब में एक बड़े पैमाने पर नशा मुक्ति अभियान शुरू किया। इस पहल ने अब तक 35,000 से अधिक व्यक्तियों को लाभान्वित किया है। गुरुदेव कहते हैं कि जो लोग नशे या शराब की ओर रुख करते हैं, वे अक्सर अपनी चेतना के अनुभव को मान्यता देने की कोशिश कर रहे होते हैं। उनके पास आध्यात्मिक शिक्षा और ज्ञान का अभाव होता है। हमें इसे बदलने की आवश्यकता है। प्रोज़ैक इसका हल नहीं, ध्यान और योग है। द आर्ट ऑफ लिविंग का नशा मुक्ति प्रोग्राम विज्ञान और आध्यात्मिकता का एक मिश्रण है, जिसमें चिकित्सा उपचार के साथ-साथ योग और ध्यान अभ्यास भी शामिल हैं। इस समय यह प्रोग्राम पंजाब के चंडीगढ़, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, जालंधर, फिरोजपुर, फरीदकोट, मोगा, संगरूर, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, और बरनाला जैसे कई स्थानों पर चल रहा है।
दशकों से आर्ट ऑफ लिविंग नशे की समस्या से निपटने में अग्रणी रहा है। पिछले साल इस संगठन ने भारत सरकार के सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे, जिससे नशा मुक्त भारत अभियान को बढ़ावा मिला। यह एक राष्ट्रीय पहल है, जो जन जागरूकता और सामुदायिक संपर्क के माध्यम से नशे की समस्या से निपटने के लिए काम कर रही है। गुरुदेव कहते हैं कि यह एक महत्त्वपूर्ण अभियान है। जैसे हमारे पास बाहरी खतरों से देश की रक्षा करने वाले सैनिक होते हैं, वैसे ही हमें नशे के विरुद्ध एक आंतरिक युद्ध लड़ना चाहिए। हमारे युवा जीवन में प्रचुर संभावनाओं से भरे होते हैं, लेकिन नशा उन संभावनाओं को छीन लेता है। नशामुक्त भारत सिर्फ एक सपना नहीं है, यह एक आवश्यकता है।
ध्यान और परामर्श का मिश्रित दृष्टिकोण अपनाकर, आर्ट ऑफ लिविंग हजारों लोगों को उनके जीवन को पुनः प्राप्त करने का रास्ता दिखा रहा है। निखिल जैसी कहानियां यह सिद्ध करती हैं कि हमारी सांस से वास्तविक परिवर्तन संभव है। गुरुदेव 19 फरवरी को लुधियाना में रहेंगे, जहां हजारों लोग उनकी उपस्थिति में ‘पर्ल्स ऑफ़ विज़डम’ कार्यक्रम में भाग लेंगे और जीवन की बदल देने वाला ज्ञान सुनेंगे। यह कार्यक्रम पंजाब की नंबर वन हाउसिंग कंपनी, एसबीपी ग्रुप के समर्थन से आयोजित किया जा रहा है।
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