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चंडीगढ़ पुलिस के डीएसपी को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने प्रशासन की अपील खारिज की, एसपी पद पर प्रमोशन का आदेश

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चंडीगढ़ 12 फरवरी। चंडीगढ़ पुलिस के डीएसपी राम गोपाल को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने प्रशासन की अपील खारिज करते हुए दो सप्ताह के भीतर उन्हें एसपी पद पर प्रमोशन देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही वह इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) में पहले डिप्टी कमांडेंट के रूप में नियुक्त होंगे। यह मामला 2017 का है, जब राम गोपाल ने चंडीगढ़ प्रशासन की अधिसूचित नीति के तहत डीएसपी से एसपी पद पर प्रमोशन के लिए आवेदन किया था। हालांकि, प्रशासन ने 17 दिसंबर 2018 को यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया कि डीएसपी से एसपी प्रमोशन के लिए कोई स्वीकृत पद नहीं है। इस निर्णय को राम गोपाल ने केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण (कैट) में चुनौती दी।

बकाया वेतन और वरिष्ठता लाभ देने के आदेश

24 नवंबर 2020 को कैट ने राम गोपाल के पक्ष में फैसला सुनाते हुए प्रशासन को दो महीने के भीतर उन्हें एसपी पद पर प्रमोट करने और आईआरबी में डिप्टी कमांडेंट नियुक्त करने का आदेश दिया। साथ ही, कैट ने प्रशासन को बकाया वेतनमान, वरिष्ठता और अन्य लाभ देने के भी निर्देश दिए। प्रशासन ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने प्रशासन की अपील खारिज कर दी और दो सप्ताह में प्रमोशन देने का आदेश दिया। अब प्रशासन को न केवल राम गोपाल को एसपी पद पर प्रमोट करना होगा, बल्कि उन्हें प्रोमोशन की पात्रता तिथि से लंबित वेतनमान और अन्य लाभ भी देने होंगे।

एएसआई से एसपी तक का सफर

राम गोपाल खेल कोटे से मार्च 1991 में एएसआई के रूप में चंडीगढ़ पुलिस में भर्ती हुए थे। जून 1996 में वह सब-इंस्पेक्टर बने और दो साल बाद ही उन्हें एडहॉक इंस्पेक्टर के रूप में प्रोमोशन मिला। वर्ष 2009 में वह डीएसपी बने और 2015 में इस पद की स्थायी मान्यता मिली। छह वर्ष डीएसपी रहने के बाद वह 2015 में एसपी बनने के लिए योग्य थे, लेकिन उनकी यह लड़ाई 2017 में शुरू हुई, जो अब जाकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद समाप्त हुई है।

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