आरटीआई एक्टिविस्ट मानिक गोयल का इलजाम, पंजाब के संसाधनों की बर्बादी देखकर भी सरकार-प्रशासन मूकदर्शक
चंडीगढ़ 11 फरवरी। पिछले दिनों आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता माणिक गोयल ने बड़ा खुलासा किया है। उनका आरोप है कि छतबीड़ चिड़ियाघर के पीछे ‘बनूर केनाल डैम’ पर इललीगल माइनिंग जारी है।
उनके मुताबिक यहां अवैध खनन के सबूत प्रकाशित किए गए थे। जिसमें सत्ताधारी नेताओं की मिलीभगत भी सामने आई थी। शिकायत बाद कुछ दिनों के लिए अवैध खनन रिपोर्ट बनाने के नाम पर यह गोरखधंधा बंद किया गया था। तब मोहाली के अफसरों ने भी दावा किया था कि यह ठेका केवल नदी की सफाई के लिए है। शिकायतकर्ता के मुताबिक उन्होंने एक टीम भेजकर आज 11 फरवरी बनूर कैनाल डैम की जांच की। तब नदी से लगभग 100 मीटर दूर कई पोकलेन मशीनें चल रही थीं। दर्जनों टिप्परों में सूखी रेत खोद कर भर रहे थे।
शिकायतकर्ता के मुताबिक प्रशासन बताया कि पूरे मोहाली जिले में डिसिल्टिंग का ठेका है। ऐसे में जिस तरह से सरकार और जिला प्रशासन ने इस अवैध खनन को नियंत्रित करने और रोकने की बात कर रहे थे, लेकिन उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है।
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