सियासी-हल्कों में चर्चाएं, पंजाब बीजेपी के नेता नाखुश होने से बिट्टू अकेले पड़े, ऐसे में कैसे बनेंगे सीएम-फेस ?
लुधियाना 10 फरवरी। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन कांग्रेसी सांसद रवनीत सिंह बिट्टू अचानक बीजेपी में शामिल हो गए थे। एवज में उनको बीजेपी से टिकट मिला, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। पार्टी हाईकमान की मेहरबानी से उनको केंद्रीय राज्यमंत्री बनाकर फिर राज्यसभा में भेज दिया था। इसके बावजूद सियासी-हल्कों में चर्चाएं तेज हो गई थीं कि पंजाब के टकसाली बीजेपी नेता व कार्यकर्ता कांग्रेस से ‘इंपोर्ट’ किए इस नेता को हजम नहीं कर पा रहे।
बाद में केंद्रीय राज्यमंत्री बिट्टू की प्रेस कांफ्रेंस व कई कार्यक्रमों में ‘प्रोटोकाल’ के मद्देनजर सीनियर नेता नदारद रहे। अब बिट्टू के बेहद नजदीकी लुधियाना के कारोबारी राजीव राजा को पुलिस ने फिरौती की धमकी देने के आरोप में अरेस्ट कर लिया है। यहां काबिलेजिक्र है कि बिट्टू के कांग्रेस छोड़ते ही युवा कांग्रेस के जिला प्रधान रहे कारोबारी राजीव राजा ने भी पार्टी छोड़ दी थी। भले ही व घोषित तौर पर बीजेपी में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन नैतिक-तौर पर बिट्टू के साथ पार्टी के पैरोकार बने।
सोमवार को राजीव राजा की गिरफ्तारी को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री बिट्टू तो लाइव होकर पुलिस व पंजाब सरकार पर रोष जताते रहे। उन्होंने लाइव होकर कहा कि वह संसद के सत्र के बाद लुधियाना आ सकेंगे। इसके बावजूद अपने नेता बिट्टू के खासमखास राजीव राजा की गिरफ्तारी के विरोध में किसी भाजपा नेता ने एक लफ्ज तक नहीं बोला। हद ये कि राजा को कोर्ट में पेश करने के दौरान भी कोई पार्टी वर्कर तक हिमायत में वहां नहीं पहुंचा।
ऐसे में सियासी-हल्कों में लोग चुटकियां ले रहे हैं कि क्या ऐसे हालात में बिट्टू अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सीएम-फेस बन पाएंगे ? चर्चाएं तो यहां तक हो रही हैं कि बिट्टू को बीजेपी में शामिल करने से पंजाब के भाजपा नेताओं का एक बड़ा वर्ग नाखुश था। जो खुलकर तो नहीं बोल रहा, लेकिन राजीव राजा की गिरफ्तारी के मामले में उन्होंने बिट्टू को अकेला छोड़कर अपना मौन-विरोध दर्ज करा दिया है।
बीजेपी नेता की गिरफ्तारी के विरोध में धरने पर बैठे थे बिट्टू, तब सीनियर नेता तक जुटे थे :
यहां काबिलेजिक्र है कि करीब दो महीने पहले नगर निगम चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन शराब बांटने के आरोप में लुधियाना में बीजेपी नेता को पुलिस से अरेस्ट किया था। तब केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने पुलिस कमिश्नर दफ्तर पर धरना दिया था। वहां बिट्टू ने पुलिस को चेतावनी दी थी कि अगर हमारे साथियों को रिहा नहीं किया गया तो वह भी गिरफ्तारी देंगे। उस वक्त तमाम बीजेपी वर्करों समेत पार्टी के प्रांतीय नेता अनिल सरीन एडवोकेट व जिला प्रधान रजनीश धीमान ने भी धरने पर बैठकर बिट्टू का नैतिक-समर्थन किया था।
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